वेस्ट दिल्ली इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट के तहत तैयार हो रहे पंजाबी बाग फ्लाईओवर की लंबाई 1.1 किलोमीटर की है, यह छह लेन का है। फ्लाईओवर की चौड़ाई 23 मीटर है, जिस पर एक तरफ से सामांतर तीन वाहन गुजर सकते हैं। मौजूदा समय में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
पश्चिमी दिल्ली में जाम खत्म करने के तैयार किया जा रहा पंजाबी बाग के क्लब रोड फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। अगले महीने इसे आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। इससे धौलाकुआं से आजादपुर तक करीब 18 किलोमीटर का स्ट्रेच सिग्नल फ्री हो जाएगा। वर्तमान में धौलाकुआं से आगे नारायणा फ्लाईओवर, फिर मायापुरी, इसके बाद राजा गार्डन, पंजाबी बाग, मोती नगर, चौधरी ब्रह्म सिंह और शालीमार बाग फ्लाईओवर बना हुआ है, क्लब रोड फ्लाईओवर पर आवाजाही शुरू हाेने से वाहन चालकों बिना किसी बाधा के अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। इससे ईंधन के साथ ही समय की भी बचत होगी।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के अनुसार, वेस्ट दिल्ली इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट के तहत तैयार हो रहे पंजाबी बाग फ्लाईओवर की लंबाई 1.1 किलोमीटर की है, यह छह लेन का है। फ्लाईओवर की चौड़ाई 23 मीटर है, जिस पर एक तरफ से सामांतर तीन वाहन गुजर सकते हैं। मौजूदा समय में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। अभी फ्लाईओवर की पांच स्लैब डालने का कार्य बचा हुआ है। एक स्लैब को डालने में अधिकतम एक हफ्ते का समय लगता है। ऐसे में माना जा रहा है कि निर्माण कार्य अगस्त अंत तक पूरा हो जाएगा।
12 लाख से अधिक वाहन करेंगे उपयोग : अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर निर्माण की अनुमानित लागत 352.32 करोड़ रुपये है। मार्च में जारी दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अक्तूबर 2023 तक 174.31 करोड़ रुपये का व्यय फ्लाईओवर निर्माण में किया गया था। दिल्ली सरकार ने पहले घोषणा की थी कि इस फ्लाईओवर का उपयोग प्रतिदिन औसतन 1,250,000 से अधिक वाहन करेंगे और इससे सालाना 600,000 लीटर से अधिक ईंधन की बचत होगी।
दिसंबर 2023 में पूरा होना था निर्माण कार्य
फ्लाईओवर का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद निर्माण कार्य पूरा करने की फरवरी 2024 तारीख रखी गई, लेकिन फिर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। अधिकारियों ने बताया कि हाई टेंशन पावर केबल, पानी की पाइपलाइन और 30 से अधिक पेड़ ऐसे थे जो कि काम में रोडा बन रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हाई टेंशन पावर केबल और पानी की पाइपलाइन की अड़चन दूर कर ली गई है जबकि पेड़ों को हटाने की अनुमति अभी भी नहीं मिल पाई है।