Friday, December 27, 2024
Google search engine
Homepunjabआय से अधिक संपत्ति का मामला: विजिलेंस ब्यूरो ने ईओ गिरीश वर्मा...

आय से अधिक संपत्ति का मामला: विजिलेंस ब्यूरो ने ईओ गिरीश वर्मा के पुत्र विकास वर्मा को किया गिरफ्तार

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने मंगलवार को विकास वर्मा, जो कि बर्खास्त स्थानीय निकाय विभाग पंजाब के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) गिरीश वर्मा के पुत्र हैं, को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में उनके खिलाफ, उनके पिता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मोहाली कोर्ट ने विजिलेंस ब्यूरो
को तीन दिन के पुलिस रिमांड की मंजूरी दी है।

इसकी जानकारी देते हुए राज्य विजिलेंस ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में गिरीश वर्मा और उनके तीन सहयोगियों, जिनके नाम संजीव कुमार (निवासी खरड़ ), पवन कुमार शर्मा (निवासी पंचकूला, एक कॉलोनाइजर) और गौरव गुप्ता (पूर्व नगर पार्षद कुराली) हैं, को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस संबंध में विजिलेंस
ब्यूरो ने 2022 में गिरीश वर्मा और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में एफआईआर नंबर 18 दर्ज किया था। जांच के दौरान पाया गया कि गिरीश वर्मा ने अपनी पत्नी संगीता वर्मा और पुत्र विकास वर्मा के नाम पर 19 प्रमुख आवासीय/व्यावसायिक संपत्तियां खरीदी थी।

उन्होंने आगे बताया कि आरोपी गिरीश वर्मा ने जीरकपुर, खरड़, कुराली, डेराबस्सी आदि के नगर परिषदों में ईओ के रूप में कार्य किया था और स्थानीय बिल्डरों/डेवलपर्स को गलत लाभ पहुंचाते थे और इसके बदले में उन्होंने अपनी पत्नी और पुत्र के नाम पर बैंक प्रविष्टियों के रूप में अवैध धन प्राप्त किया। यह धन संपत्तियां खरीदने के लिए उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि विकास वर्मा और संगीता वर्मा के पास इन संपत्तियों से मिलने वाले किराए के अलावा कोई वैध आय का स्रोत नहीं था।

प्रवक्ता ने बताया कि विकास वर्मा
वर्ष 2019-20 में रियल एस्टेट कंपनियों – ‘बालाजी इन्फ्रा बिल्डटेक’ और ‘बालाजी डेवलपर्स’ में अपने पिता के काले धन को लांड्रिंग कर व गैर सुरक्षित ऋण के तौर पर प्राप्त बैंक प्रविष्टियों द्वारा इसको वैध पैसे में बदल देता था।
उन्होंने कहा कि विकास वर्मा के साझेदार, जो अब इस मामले में सह-आरोपी है, संजीव कुमार, गौरव गुप्ता और आशीष शर्मा, सभी निवासी कुराली,प्लॉट्स की बिक्री व रिहायशी कालोनियों को गैर वाज़िब ढंग से रेगुलर बनाने के लिए पुराने तारीखों वाले समझौते तैयार कर धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देते थे।
प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी गौरव गुप्ता इन फर्मों के संस्थापक थे और बालाजी इन्फ्रा बिल्डटेक में 80 प्रतिशत हिस्सा रखने वाला प्रमुख साझेदार था, जिसने खरड़ में कृषि वाली ज़मीन खरीदने के लिए अन्य साझेदारों के साथ मिलकर अपने शेयरों के तौर पर करोड़ों रुपए का निवेश किए था और फिर अवैध रूप से
इस भूमि पर आवासीय कॉलोनी को नियमित करवा लिया था। इसके बाद उसका 15 प्रतिशत हिस्सा गिरीश वर्मा के पुत्र विकास वर्मा को स्थानांतरित कर दिया।

प्रवक्ता ने बताया कि विकास वर्मा की अग्रिम जमानत पहले ही उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई थी। इसके बाद मोहाली कोर्ट ने विकास वर्मा को भगोड़ा घोषित कर दिया था और विजिलेंस ब्यूरो के हाथों गिरफ्तारी के डर से आज उसने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस मामले की आगे की जांच जारी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments