पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने पंजाब राज्य पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) के अधिकारियों को पूरे राज्य में विशेष जांच करने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत बिजली चोरी को रोका जा सके।
आज यहां जारी एक बयान में बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ऊर्जा की सुरक्षा को बढ़ावा देने और बिजली चोरी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार को होने वाले वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए नियमित रूप से विशेष जांच आवश्यक है। साथ ही, बिजली चोरी की जांच से राज्य के नियमित बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं भी सुनिश्चित की जा सकेंगी।
बिजली मंत्री ने संबंधित पी.एस.पी.सी.एल. के अधिकारियों को जांच के बारे में प्रतिदिन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि घरेलू, वाणिज्यिक, कृषि और औद्योगिक सभी बिजली कनेक्शनों की जांच की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली कनेक्शनों की जांच और प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने सख्त शब्दों में कहा कि यदि पावरकॉम/पी.एस.पी.सी.एल./पी.एस.टी.सी.एल. के अधिकारी या कर्मचारी सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से बिजली चोरी में शामिल पाए गए, तो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी रैंक के ऐसे अधिकारी को पी.एस.पी.सी.एल. के नियमों के अनुसार तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया जाएगा और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वितरण और प्रवर्तन टीमों को उनके निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के लिए कहा और चेतावनी दी कि ऐसा न करने वालों को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
बिजली मंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इन कार्रवाइयों की निगरानी करेंगे और अधिकारियों द्वारा उन्हें सौंपी जाने वाली रिपोर्टों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने बिजली चोरी करने वालों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिजली चोरी भ्रष्टाचार से कम नहीं है, इसलिए इस प्रकार के ‘भ्रष्टाचार’ में शामिल किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि पी.एस.पी.सी.एल. के वितरण और प्रवर्तन विंग ने राज्य में हाल ही में चलाए गए अभियानों के दौरान बिजली कनेक्शनों की जांच और चोरी का पता लगाने में शानदार काम किया है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 81,262 कनेक्शनों की जांच की गई है। इन कुनेक्शनों में से चोरी का पता लगाया गया और डिफॉल्टर्स पर लगभग 13.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
ज़ोनवार विवरण देते हुए बिजली मंत्री ने बताया कि बॉर्डर ज़ोन अमृतसर में कुल 27,285 कनेक्शनों की जांच की गई। इन कुनेक्शनों में से 989 मामलों में चोरी का पता चला और 3.01 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी ज़ोन बठिंडा में कुल 6,079 कनेक्शनों की जांच की गई। इन कुनेक्शनों में से 872 मामलों में चोरी का पता चला और 3.03 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
बिजली मंत्री ने बताया कि उत्तरी ज़ोन जालंधर में कुल 10,718 कनेक्शनों की जांच की गई। इन कुनेक्शनों में से 741 मामलों में चोरी का पता चला और 1.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
उन्होंने आगे बताया कि सेंट्रल ज़ोन लुधियाना में कुल 10,699 कनेक्शनों की जांच की गई। इन कुनेक्शनों में से 707 मामलों में चोरी का पता चला और 2.43 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
उन्होंने बताया कि दक्षिणी ज़ोन पटियाला में कुल 18,096 कनेक्शनों की जांच की गई। इनमें से 1,116 मामलों में चोरी का पता लगाया गया और 2.47 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।