इसे दिसंबर तक जनता के लिए शुरू करने की योजना है। इसका 14.75 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है। यह अक्षरधाम से शुरू होकर लोनी बाॅर्डर तक जाता है। इस हिस्से में पांच प्रवेश और निकास पॉइंट बनाए गए हैं।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पहले खंड का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसे दिसंबर तक जनता के लिए शुरू करने की योजना है। इसका 14.75 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है। यह अक्षरधाम से शुरू होकर लोनी बाॅर्डर तक जाता है। इस हिस्से में पांच प्रवेश और निकास पॉइंट बनाए गए हैं।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेसवे का पहला खंड इस साल दिसंबर में यातायात के लिए खोलने की याेजना है। पहला खंड अक्षरधाम से शुरू होगा, जो ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) तक जाता है। इस 32 किलोमीटर लंबे खंड का 19 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटिड है। यह यमुनापार में गीता काॅलोनी, खजूरी खास, मंडोला और पंचगांव जैसी घनी आबादी वाली जगहों से गुजरता है। इसकी मदद से वाहन घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जाने से बचेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक जाने में वाहन चालकों को डेढ़ घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे का पहला खंड शुरू होने से वाहन चालक 30 से 35 मिनट में यह दूरी तय कर लेंगे। यही नहीं पूर्वी दिल्ली की विभिन्न सड़कों पर से दो लाख के करीब वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।
दिल्ली में एंट्री और एग्जिट होगी आसान
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर जाने और निकलने की व्यवस्था शास्त्री पार्क के पास होगी। यहां पर कश्मीरी गेट से देहरादून जाने वाले वाहन शास्त्री पार्क के पास एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे। यूपी की तरफ से एक्सप्रेस-वे से आने वाले वाहन शास्त्री पार्क के पास निकल भी सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस वे के दिल्ली के हिस्से में एट्री और एग्जिट पॉइंट इस हिसाब से बनाया गया है कि दक्षिणी मध्य, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के वाहनों चालकों की आवाजाही आसान हो सके। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे, विकास मार्ग, गीता कॉलोनी यमुना पुल, शास्त्री पार्क, सिग्नेचर ब्रिज इन सभी मार्गों से आने वाले वाहन चालकों को एक्सप्रेस वे पर चढ़ने के लिए एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। साथ ही एक्सप्रेस-वे से निकलने के लिए एग्जिट पॉइंट भी बनाए गए हैं।