पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत बुधवार को मनरेगा योजना के ग्रामीण रोजगार सेवक गुरप्रीत सिंह को फरीदकोट जिले के गांव मराड़ में 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है।
विजिलेंस ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि यह गिरफ्तारी फरीदकोट जिले के गांव मराड़ के निवासी शिंदर सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई, जो इस योजना के तहत मजदूर उपलब्ध कराता है।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो के पास आरोप लगाया था कि उक्त आरोपी ने मनरेगा योजना के तहत उक्त लेबर ठेकेदार को मजदूरी काम दिलवाने के बदले 5,000 रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम की मांग करते समय हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था और इसे सबूत के तौर पर विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया था।
प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो फिरोजपुर रेंज ने जाल बिछाया, जिसके दौरान आरोपी गुरप्रीत सिंह को दो सरकारी गवाहों की उपस्थिति में शिकायतकर्ता से 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया। इस संबंध में आरोपी के खिलाफ फिरोजपुर रेंज के विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को कल अदालत में पेश किया जाएगा और इस मामले की आगे की जांच जारी है।