इसके चलते दलित वर्ग के पार्षदों के मेयर बनने का मामला लटक गया। दरअसल, एमसीडी ने तीसरे वर्ष के मेयर पद को दलित वर्ग के पार्षद के लिए आरक्षित किया है। आप और भाजपा के दलित पार्षदों ने इस पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर रखे हैं। उधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया और उनके नेताओं ने उपराज्यपाल से मुलाकात की। भाजपा ने भी मेयर चुनाव कराने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखा।
इसके अतिरिक्त, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी उपराज्यपाल से चुनाव की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की अपील की। इन सभी प्रयासों के बाद उपराज्यपाल ने मेयर चुनाव की प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने एमसीडी से एक रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार से प्राप्त अधिकारों के तहत अब वे स्वयं पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर सकते हैं। एमसीडी के अनुसार, उसने उपराज्यपाल के निर्देश पर रिपोर्ट तैयार कर ली है और वह यह रिपोर्ट उपराज्यपाल को जल्द ही सौंप देगी।
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