उद्योगपतियों को गैर-परंपरागत और ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए, पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में पंजाब में मौजूद असीम संभावनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा को अपनाने पर जोर दिया। उल्लेखनीय है कि पंजाब ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में देश के प्रमुख राज्यों में से एक है।
यहां परेड ग्राउंड में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आज आयोजित क्षेत्रीय ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए, श्री अमन अरोड़ा ने नए उपक्रमों (स्टार्टअप्स) से इस पहल में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे इस क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रगति कर सकें।
सौर ऊर्जा क्षेत्र में पंजाब सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया कि कृषि के लिए बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बठिंडा के गाँव तरखाणवाला में 4 मेगावाट का सोलर पी.वी. प्लांट पहले ही शुरू किया जा चुका है, जिससे सालाना लगभग 6.65 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पेडा द्वारा बठिंडा जिले में कुल 12 मेगावाट क्षमता वाले तीन और सोलर पावर प्लांट (प्रत्येक 4 मेगावाट) स्थापित किए जाएंगे।
इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा चार-चार मेगावाट (कुल 264 मेगावाट) क्षमता के 66 सोलर पावर प्लांट स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने पर सालाना लगभग 390 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अलावा, पेडा ने राज्य भर में 20,000 सोलर कृषि पंप लगाने के लिए किसानों से आवेदन भी मांगे हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए, पेडा द्वारा कंप्रेस्ड बायोगैस (सी बी जी) परियोजनाओं, बायोमास पावर परियोजनाओं और बायो-एथेनॉल परियोजनाओं में पराली के उपयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य में ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति का मसौदा भी तैयार किया गया है।
पेडा के मुख्य कार्यकारी श्री संदीप हांस ने कहा कि पेडा, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में नए विचार लाने वाले उपक्रमों को पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार का लक्ष्य सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनना और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई पंजाब राज्य चैप्टर के चेयरमैन आर.एस. सचदेवा ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा की बढ़ती मांग और सोलर प्रोद्योगिकी में प्रगति के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ. रणजीत मेहता, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप फोरम कमेटी पीएचडीसीसीआई के चेयरमैन डॉ. जे.के. शर्मा और को-चेयरमैन सुप्रीत सिंह भी मौजूद थे।