राजधानी में करीब 90 लाख वाहन पंजीकृत हैं और एक अनुमान के अनुसार उनमें से करीब 50 लाख वाहन रोजाना सड़कों पर उतरते है। इसके अलावा करीब 10 लाख वाहन राजधानी में आते है। इस तरह रोजाना राजधानी की सड़कों पर करीब 60 लाख वाहन दौड़ते हैं, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था इस संख्या के मुकाबले बेहद अपर्याप्त है।
राजधानी में पार्किंग की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। राजधानी में जिस रफ्तार से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से पार्किंग की सुविधा नहीं हो रही है। रोजाना सड़कों पर उतरने वाले वाहनों की तुलना में पार्किंग व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इस कारण पार्किंग को लेकर लोगों में आए दिन झगड़े होने के मामले सामने आते रहते है। इसके अलावा रोजाना सड़कों पर वाहन खड़े होने से यातायात जाम की समस्या बनी रहती है। लिहाजा राजधानी वर्तमान समय के दौरान पार्किंग सुविधा के मामले में एक बड़े संकट का सामना कर रही है।
राजधानी में पार्किंग की कमी के कारण जब वाहन वालों को सड़कों पर या फिर अवैध स्थानों पर पार्किंग करनी पड़ती है। इससे न केवल यातायात में बाधा आती और अधिक भीड़भाड़ होती है, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा भी प्रभावित होती है। इसके अलावा वाहन वालों का रोजाना पार्किंग के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनके समय की बर्बादी होती है।
एमसीडी ने बनाई हुई हैं 415 पार्किंग
राजधानी के करीब 96% इलाके का रखरखाव करने वाली एमसीडी ने 415 पार्किंग बना रखी है। इन पार्किंग में 17 मल्टीलेेवल पार्किंग है और 398 सामान्य है। यह 398 पार्किंग सड़कों के किनारे व खाली जगह पर बना रखी है। जबकि उसके इलाके में देेश के कई बड़े बाजार है, जिसमें रोजाना बड़ी संख्या में लोग वाहन लेकर खरीदारी करने आते है। इसके अलावा बड़ी संख्या में सरकारी व निजी अस्पताल भी है और उनमें भी बड़ी संख्या में लोग वाहनों में आते है। बताया जाता है कि उसकी पार्किंगों में करीब 18 हजार वाहन खड़े हो सकते है।
एनडीएमसी ने 154 पार्किंग की कर रखी है व्यवस्था
एनडीएमसी के अधीन राजधानी ना करीब दो प्रतिशत हिस्सा है और उसने अपने इलाके में पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए 154 पार्किंग बना रखी है। इन पार्किंग में दो मल्टीलेवल पार्किंग है। इन दोनों मल्टीलेवल पार्किंग में करीब 800 वाहन खड़े करने क्षमता है, वहीं सड़कों व उनके किनारे खाली जगह पर पार्किंग की व्यवस्था वाले 152 स्थानों पर करीब 11 हजार वाहन खड़े हो सकते है। जबकि नई दिल्ली इलाके में देेश-विदेश के लोग घूमने व खरीदारी करने आते है। यहां सरकारी व निजी कार्यालयों में भी लोग नौकरी करने आते है।
सरकारी तौर पर पार्किंग समस्या दूर करने के प्रयास
राजधानी में पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए स्थानीय निकायों ने कई बार पार्किंग स्थलों की संख्या में वृद्धि की गई है, लेकिन यह वृद्धि वाहन की बढ़ती संख्या के मुकाबले कहीं अधिक कम है। इसके अलावा उन्होंने सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने के लिए कई बार पार्किंग शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया, मगर राजनीतिक दलों के विरोध के कारण वह अनेक बार शुल्क बढ़ाने में कामयाब नहीं हो सके।