दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने सोमवार से मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। सीएम आतिशी ने कहा, ‘आज मेरे मन में भी वही व्यथा है, जैसे भगवान राम जी के वनवास जाने पर भरत जी के मन में थी। उन्होंने भगवान राम की खड़ाऊं रखकर शासन चलाया था।’
दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने सोमवार से मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के लिए कुर्सी खाली है और उनका इंतजार रहेगा। सीएम आतिशी ने कहा, ‘आज मेरे मन में भी वही व्यथा है, जैसे भगवान राम जी के वनवास जाने पर भरत जी के मन में थी। उन्होंने भगवान राम की खड़ाऊं रखकर शासन चलाया था। भगवान राम हम सभी के आदर्श हैं और केजरीवाल जी ने उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए दिल्लीवालों की सेवा की और मर्यादा का पालन करते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मुझे विश्वास है कि अब दिल्लीवाले केजरीवाल जी को विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजयी बनाकर फिर से सीएम बनायेंगे। तब तक यह मुख्यमंत्री की कुर्सी केजरीवाल जी का इंतज़ार करेगी।’
विधानसभा चुनावों से बमुश्किल पांच महीने पहले आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। आतिशी के बाद उनकी मंत्रिपरिषद में सबसे पहले सौरभ भारद्वाज ने शपथ ली, उसके बाद गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और दिल्ली कैबिनेट में नए सदस्य मुकेश अहलावत ने पद गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के बाद आतिशी ने समारोह में मौजूद केजरीवाल का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, राज निवास पहुंचने से पहले भी वह सिविल लाइंस स्थित पूर्व सीएम के आवास पर अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ पहुंचीं। वहां से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ वह शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचीं।
शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले बयान में आतिशी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 साल में दिल्ली की तस्वीर बदल दी है। शिक्षा व स्वास्थ्य को बुनियाद ढांचा बेहतर करने के साथ लोगों को मुफ्त बिजली दी है। उनका आरोप था वह आज मुख्यमंत्री इसलिए नहीं हैं कि भाजपा ने उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज किए। लेकिन वो टूटे नहीं, दबे नहीं। अब हम सभी दिल्लीवासियों को मिलकर फरवरी में होने वाले चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना है। आतिशी ने लोगों को भरोसा दिया कि अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ गए हैं। अब दिल्ली में सीवर ठीक होंगे, पानी की समस्याएं ठीक होंगी, सड़कें ठीक होंगी। भाजपा को कोई भी षडयंत्र अब सफल नहीं होगा।
गोपाल राय मंत्री पद का कार्यभार संभाला