भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) का पूर्वानुमान है कि अगले एक हफ्ते में हवाओं की गुणवत्ता में बड़ा फेरबदल होने की उम्मीद नहीं है। गुणवत्ता औसत दर्जे के उच्चतम स्तर से खराब श्रेणी के बीच रहेगी। इस बीच मौसमी दशाएं अनुकूल नहीं हैं। चार से आठ किमी प्रति घंटा की चाल से हवाएं अलग-अलग दिशाओं से दिल्ली पहुंचेंगी। मिक्सिंग हाइट 2000 मीटर से कम व वेंटिलेशन इंडेक्स भी 4,000 वर्ग मीटर से कम रहेगी। जबकि हवाओं की चाल 10 किमी प्रति घंटा, मिक्सिंग हाइट 2000 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स हर सेकेंड 6000 वर्ग मीटर होना वातावरण के लिए बेहतर रहता है।
324 एंटी स्मॉग गन, 290 टीमें रोकेंगी धूल और धुआं
आबोहवा खराब होने के साथ दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके लिए 99 टीमों का उतारा गया है। वहीं, पूरी दिल्ली के निर्माण स्थलों पर 324 एंटी स्मॉग गन लगेंगी। सड़कों की मरम्मत के साथ साफ-सफाई के लिए पीडब्ल्यूडी व एमसीडी समेत सभी एजेसियां जमीन पर सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्लीवालों से अपील की है कि वह कार पूलिंग करने के साथ पटाखे व कूड़ा जलाने से बचें। साथ में प्रदूषण की सूचना ग्रीन दिल्ली एप पर दें। सरकार इस पर तुरत कार्रवाई करेगी।
इससे पहले मंगलवार दोपहर ग्रैप-1 के नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें पर्यावरण मंत्री के साथ पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली मेट्रो, राजस्व विभाग, उद्योग विभाग, एनएचएआई, बिजली विभाग समेत दूसरे संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इसमें बताया गया कि बीते एक-दो दिन में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। 13 अक्तूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 224 के स्तर पर पहुंच गया। अगले दिन भी हालात में सुधार नहीं हुआ। पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में हवाएं बेहतर नहीं होंगी। इसको देखते हुए ग्रैप-1 की बंदिशें लागू की गई हैं।
आतिशी ने मीडिया को जानकारी दी कि इसमें जोर निर्माण साइटों पर धूल की रोकथाम है। इसके लिए डीपीसीसी, राजस्व विभाग व उद्योग विभाग की 33-33 टीमें सड़क पर हैं। निजी और सरकारी निर्माण स्थलों का मुआयना कर हर दिन इसकी रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम के साथ पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को देंगी। दूसरी तरफ एमसीडी को निर्माण व ध्वंस मलबा के निपटान के निर्देश हैं। एमसीडी ने इसके लिए दिन में 79 टीमों व रात में 75 टीमों की तैनाती की है। इसके अलावा खुले में कूड़ा जलाने से रोकने के लिए दिन में 116 टीमें और रात में भी 116 टीमें तैनात होंगी।
सड़कों की होगी मरम्मत, साफ-सफाई
आतिशी के मुताबिक, बैठक में धूल रोकने के लिए निर्देश दिए गए कि पीडब्ल्यूडी अपनी सड़कों व हॉटस्पॉट्स पर 200 एंटी स्मॉग गन तैनात करे। वहीं, डीएमआरसी 80, एमसीडी 30 और एनसीआरटीसी को 14 एंटी स्मॉग लगाएगा। वहीं, सड़कों की जल्द मरम्मत पूरी करनी है।
यातायात प्रबंधन भी होगा बेहतर
आतिशी ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस को निर्देश हैं कि जाम लगने वाली जगहों की पहचान कर वहां अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। अगर इस काम में होम गार्ड की जरूरत है तो दिल्ली सरकार इसका इंतजाम करेगी। आतिशी ने बताया कि बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अगले तीन महीने तक बिजली कंपनियों से बात कर बिजली के अस्थाई कनेक्शन के चार्ज भी कम किया जाएं।
चलेगा जागरूकता अभियान
आतिशी ने कहा कि सरकार जागरूकता अभियान चलाएगी। इसमें लोगों को कार पूलिंग करने, दीपावली पर पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील होगी। साथ में आरडब्ल्यूए से अपने सुरक्षा गार्ड को इलेक्ट्रिक हीटर देने को कहा गया है। आतिशी ने अपील की कि सिर्फ सरकार प्रदूषण नहीं रोक सकती है। इसके लिए लोगों को आगे आना पड़ेगा।
दिल्ली ही नहीं, दूसरे राज्य भी खराब करते हवा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर का प्रदूषण सिर्फ यहीं का नहीं है। समस्या दूसरे राज्यों से भी पैदा होती है। मसलन, ग्रैप में ईंट-भट्ठों से होने वाले प्रदूषण का जिक्र है। जब तक उत्तर प्रदेश सरकार इसको नहीं रोकती, दिल्ली सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। गाजियाबाद और गुरुग्राम में 24 घंटे बिजली न मिलने से वहां जनरेटर चलाते हैं। इसका प्रदूषण दिल्ली में आता है। डस्ट और पराली का प्रदूषण भी दिल्ली पहुंचता है। उन्होंने अपील की कि दिल्ली की तरह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारें भी नियमों को ठीक से लागू करें।
पंजाब में कम जली पराली, यूपी, हरियाणा में बढ़ोत्तरी
गोपाल राय ने बताया कि कृषि शोध संस्थान का एक अक्तूबर से 14 अक्टूबर का जो डेटा है कि उसमें 2023 में पंजाब में 1105 पराली जलने की घटनाएं हुई थीं, इस साल घटकर 811 हो गई हैं। वहीं, हरियाणा में इस बीच यह 341 से बढ़कर 417 हो गई हैं। दूसरी तरफ, 2023 में यूपी में इन 15 दिनों के अंदर पराली जलाने की कुल 244 घटनाएं थीं, जो इस बार बढ़कर 417 हो गई हैं। नतीजतन दिल्लीवालों को परेशान होना पड़ रहा है।