Thursday, December 26, 2024
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पंजाब में पढ़े-लिखे शिक्षकों ने लगाया स्टॉल, खूब हुई कमाई, लोगों ने चटकारे मार खाए

पंजाब के कपूरथला में आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने गोल गप्पे का स्टॉल लगाया है। शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी गेट के बाहर गोल गप्पे का स्टॉल लगाकर गोल गप्पे बेचे।

एमबीए चायवाला, ग्रेजुएट चाय वाली का नाम तो सभी ने सुना होगा। इसी तर्ज पर पंजाब में अब पीएचडी गोल गप्पे वाले भी आ गए हैं। पंजाब के कपूरथला में आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने गोल गप्पे का स्टॉल लगाया है। शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी गेट के बाहर गोल गप्पे का स्टॉल लगाकर गोल गप्पे बेचे।

बता दें कि शिक्षकों ने दुकानदारी या कारोबार करने के लिए गोल गप्पे का स्टॉल नहीं लगाया था बल्कि उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए ऐसा अंदाज अपनाया।
आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शिक्षक कई दिन से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वीरवार को उनका यह विरोध प्रदर्शन दिन 39वें दिन पहुंच गया है। हालांकि अभी तक पंजाब सरकार और पीटीयू प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षकों ने वीरवार को बेहद अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया।

यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश गुप्ता ने गोल गप्पे बेचने के लिए एक कार्ट बनाई और इसे आईकेजीपीटीयू पीएचडी गोल गप्पे वाले का नाम दिया। शिक्षकों ने उनकी मांगों की अनदेखी करने के लिए आईके गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने बारी-बारी से साथी सहकर्मियों को संबोधित किया और उनके सामने आने वाले मुद्दों पर प्रकाश डाला। विरोध प्रदर्शन के दौरान जो मुख्य मुद्दा उठाया गया वह लंबित पदोन्नति की मांग से संबंधित था।

विश्वविद्यालय प्रशासन का रैवेया अहंकारी

संकाय सदस्यों ने सर्वसम्मति से शिक्षकों की पदोन्नति को जानबूझकर रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के अहंकारी रवैये की निंदा की। यूजीसी के नियमानुसार शिक्षकों की पिछली सेवा की गणना से संबंधित फाइल आईकेजीपीटीयू के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल के पास महीनों से लंबित है। उन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिया है। शिक्षकों का आरोप है कि समिति ने पिछली सेवा की गणना के लिए अधिकांश मामलों को मंजूरी दे दी है।

पदोन्नति मामलों की अधिसूचना महीनों से लंबित
विरोध प्रदर्शन के दौरान उठाया गया अगला मुद्दा संकाय के पहले से स्वीकृत पदोन्नति मामलों की अधिसूचना से संबंधित है। यह अधिसूचना भी महीनों से लंबित है और विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता से शिक्षक आक्रोशित हैं। तीसरा मुद्दा लंबित सीएएस मामलों के प्रसंस्करण से संबंधित है जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन उम्मीदवारों की जांच या साक्षात्कार आयोजित करने में विफल रहा है।

आरटीआई की 40 दिन से नहीं दी जानकारी
विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने यह जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई दायर की थी कि विश्वविद्यालय में पदोन्नति के कितने मामले लंबित हैं। विश्वविद्यालय ने 40 दिनों तक उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। अंत में कुछ शिक्षकों ने नए आवेदन नहीं मंगाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। डॉ. दिनेश गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय को साल में कम से कम दो बार ये आवेदन अवश्य मंगाने चाहिए। लेकिन आईसीजीपीटू ने पिछले साढ़े तीन वर्षों से अधिक समय से नए आवेदन नहीं मांगे हैं। ये विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती।

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