डब्ल्यूएचओ ने भारत में टीबी की घटनाओं में गिरावट को स्वीकार करते हुए कहा है कि 2015 में यहां एक लाख की आबादी पर टीबी के 237 मामले मिल रहे थे जो 2023 में घटकर 195 तक पहुंचे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीबी संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत को वैश्विक हीरो बताया। बीते सप्ताह जारी वैश्विक टीबी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि साल 2015 के बाद भारत की छलांग ऐतिहासिक है। ऐसी प्रगति अब तक किसी और देश में देखी नहीं गई। दुनिया के बाकी देशों को भी भारत से सीख लेने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों को अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत सरकार राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम चला रही है जिसके बजट आवंटन में 5.3 गुना की बढ़ोतरी देखी गई। 2015 में 640 करोड़ रुपये का यह बजट साल 2022-23 में 3400 करोड़ रुपये तक पहुंचा। टीबी कार्यक्रम का अधिकांश धन सरकारी संसाधनों से आता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत अत्याधुनिक आणविक निदान उपकरणों को बढ़ाने, नए और अधिक प्रभावी उपचार आहार पेश करने और सभी टीबी रोगियों को मुफ्त जांच और उपचार प्रदान करने में सक्षम रहा है। इतना ही नहीं, भारत में सरकारी के साथ साथ प्राइवेट अस्पताल भी इस मुहिम में बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं।