पंजाब के बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आज यहां बताया कि पंजाब राज्य पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने पछवाड़ा कोयला खदान से सस्ता कोयला प्राप्त कर लगभग 1000 करोड़ रुपये की बड़ी बचत की है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि वर्ष 2015 से बंद पड़ी पछवाड़ा कोयला खदान को पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में दिसंबर 2022 में पुनः चालू किया। यह कदम कोल इंडिया लिमिटेड के मुकाबले सस्ता कोयला प्राप्त करने का बेहतर विकल्प साबित हुआ।
पछवाड़ा कोयला खदान से प्राप्त वित्तीय लाभों का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड के मुकाबले पछवाड़ा खदान से कोयला प्रति 1 लाख मीट्रिक टन पर 11 करोड़ रुपये सस्ता पड़ा। उन्होंने बताया कि पीएसपीसीएल ने अब तक 2400 रैक के माध्यम से 92 लाख मीट्रिक टन कोयला प्राप्त किया है।
बिजली मंत्री ने कहा कि इस पहल के चलते पंजाब के थर्मल प्लांट्स में अब कोयले की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल पावर प्लांट के पास 35 दिनों का कोयला स्टॉक है, लहरा मोहब्बत स्थित श्री गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट के पास 26 दिनों का और गोइंदवाल साहिब स्थित श्री गुरु अमरदास थर्मल प्लांट के पास 28 दिनों का स्टॉक है।
बिजली क्षेत्र में राज्य की प्रगति पर जोर देते हुए उन्होंने श्री गोइंदवाल साहिब में स्थित 540 मेगावाट के जीवीके थर्मल प्लांट, जिसे अब श्री गुरु अमरदास थर्मल प्लांट के नाम से जाना जाता है, के अधिग्रहण का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस प्लांट को 2 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की दर से खरीदा गया, जिससे 350 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता, जो पहले 35 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 77 प्रतिशत हो गई है।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों का श्रेय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की सक्रिय पहलों को दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में सक्षम हो पाई है।