एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना विनय मार्ग क्षेत्र में शुरू की जाएगी। इस परियोजना के लिए तकनीकी अध्ययन और हाइड्रोलिक मॉडलिंग के आधार पर 1.80 करोड़ का प्रारंभिक बजट स्वीकृत किया गया है।
लुटियन जोन के निवासियों को जल्द ही पानी के लिए तरसने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनडीएमसी ने 24×7 पेयजल आपूर्ति योजना शुरू करने का फैसला लिया है। इस परियोजना के तहत लोग अपने घर के कनेक्शन से कभी भी पानी भर सकेंगे और पानी के लिए बूस्टर पंप भी नहींं चलाना पड़ेगा। यह पहल नई दिल्ली में जल संकट के स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम है।
एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना विनय मार्ग क्षेत्र में शुरू की जाएगी। इस परियोजना के लिए तकनीकी अध्ययन और हाइड्रोलिक मॉडलिंग के आधार पर 1.80 करोड़ का प्रारंभिक बजट स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना के तहत उच्च दबाव वाली आधुनिक पाइप लाइनों का उपयोग किया जाएगा, जो आसानी से नहीं टूटेगी। पाइपलाइनों में स्वचालित वॉल्व लगाए जाएंगे, जो जल आपूर्ति को नियंत्रित करेंगे और पानी की बर्बादी को रोकेंगे। उन्होंने बताया कि योजना का पहला चरण यदि सफल रहा तो इसे अन्य क्षेत्रोें में भी लागू किया जाएगा। इस योजना के लागू होने से पानी का भंडारण करने की जरूरत खत्म हो जाएगी। साथ ही पानी की बर्बादी भी रुकेगी।
जेजे क्लस्टरों में भी सुधरेंगे हालात
एनडीएमसी का क्षेत्र में स्थित 32 जेजे क्लस्टरों में व्यक्तिगत पाइप कनेक्शन देने का भी प्रस्ताव है। इससे करीब 46,930 की आबादी और 9,386 घरों को फायदा होगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हर घर जल’ और जल जीवन मिशन के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इय योजना पर 12.73 करोड़ व्यय होंगे।
भविष्य की योजनाएं
एनडीएमसी ने गर्मियों में जल संकट से बचने के लिए सरोजिनी नगर और तालकटोरा में दो भूमिगत जल भंडारण इकाइयां बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। इनसे जल भंडारण क्षमता बढ़ेगी और जल आपूर्ति निर्बाध होगी।
24×7 जल आपूर्ति का इतिहास
देश में यह योजना पहली बार 2009 में कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ में शुरू हुई थी। नागपुर में 2010 से यह प्रणाली लागू है। इस मामले में वह देश का दूसरा शहर है। अब दिल्ली में यह पहली बार लागू होने जा रही है, जिससे नई दिल्ली क्षेत्र में जल वितरण प्रणाली में बड़ा सुधार होगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
जल पाइपलाइनों का प्रतिस्थापन और मरम्मत। मोटर पंप और सहायक उपकरणों की स्थापना। आपूर्ति नेटवर्क को संतुलित करने को नई तकनीकों का उपयोग। मौजूदा पंप और पाइपलाइनों का स्थानांतरण।