विद्युत निगमों की ओर से दाखिल किए गए मसौदे में वार्षिक राजस्व आवश्यकता यानी बिजली दर का मसौदा करीब एक लाख 16 हजार करोड़ रुपया दिखाया गया है। इसमें करीब 12 हजार 800 करोड़ का गैप दिखाते हुए आयोग से इसकी भरपाई की गुहार लगाई गई है। वर्ष 2025 -26 के लिए 16 हजार करोड़ यूनिट बिजली की आवश्यकता बताई गई है। कुल बिजली खरीद की लागत लगभग 92 हजार से लेकर 95 हजार करोड़ के बीच है।
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