Friday, December 27, 2024
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दिल्ली में कब होगी वोटिंग? चुनाव आयोग ने अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में चुनाव फरवरी माह के पहले या दूसरे सप्ताह में मतदान हो सकते हैं। हालांकि अभी इस पर आधिकारी बयान आना बाकी है।

दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार को चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व जिला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मतदाता सूची में संसोधन अभियान और चुनाव से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की गई। 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में चुनाव फरवरी माह के पहले या दूसरे सप्ताह में मतदान हो सकते हैं। हालांकि अभी इस पर आधिकारी बयान आना बाकी है। वहीं दिल्ली में वोटरों के नाम कटने पर सियासत जारी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि दिल्ली में वोटर्स के नाम एक षड्यंत्र के तहत हटाए गए हैं। अपने पत्र में केजरीवाल ने आप के प्रतिनिधिमंडल को दिए गए आश्वासन का जिक्र भी किया है।
आप प्रतिनिधिमंडल ने की थी चुनाव आयोग से शिकायत
इससे पहले बुधवार को आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आप नेताओं का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था। इस दौरान आयोग के अधिकारियों को अपने आरोपों के हक में 3000 पेजों के दस्तावेज सौंपे गए। प्रतिनिधिमंडल में सीएम आतिशी, संजय सिंह, पंकज गुप्ता, जस्मीन शाह और रीना गुप्ता आदि मौजूद थे।

वोटरों के नाम हटाने के पीछे भाजपा

चुनाव आयोग से बाहर निकलने के बाद मीडिया के समक्ष केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में लोगों के वोट कटवाकर एक नागरिक के रूप में मिले उनके अधिकारों को छीन रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई विधानसभा क्षेत्रों में हजारों मतदाताओं के नाम काटने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें ज्यादातर गरीब, अनुसूचित जाति, पूर्वांचली हैं, जो झुग्गियों और कच्ची कॉलोनियों में रहते हैं। चुनाव आयोग ने आप की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वोट काटने की कार्रवाई बंद हो

केजरीवाल के मुताबिक, उन्होंने चुनाव आयोग के सामने रखा कि कैसे शाहदरा में भाजपा के एक पदाधिकारी ने चोरी-छिपे 11008 लोगों के नाम कटवाने के लिए आयोग को लिस्ट दी। जनकपुरी में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने 4874 वोट काटने के लिए आवेदन किए हैं। इसी तरह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों का भी हाल है। हमारी मांग थी कि बड़े स्तर पर वोट काटने की कार्रवाई बंद की जाए। अभी चुनाव आयोग ने समरी रिवीजन की है। जिन-जिन लोगों ने इस किस्म के आवेदन किए हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

चुनाव आयोग का आया जवाब

चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव से पहले किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं निकाला जाएगा। इस बीच जरूरी होने पर अगर ऐसा करना पड़े तो लिस्ट के आधार पर नहीं किया जाएगा, किसी को भी अगर डिलीशन कराना है तो उसे फॉर्म 7 भरना पड़ेगा, उसी के आधार पर डिलीशन होगा। अगर चुनाव आयोग तय करता है कि कोई डिलीशन होना है, तो उस पर पहले फील्ड इनक्वायरी होगी। फील्ड इनक्वायरी में बीएलओ अपने साथ बाकी पार्टियों के पदाधिकारियोें, प्रतिनिधियों को भी लेकर जाएंगे।
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