Friday, December 27, 2024
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पंजाब का खनन क्षेत्र बना विकास-केंद्रित बदलाव का गवाह

पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में खनन और भूविज्ञान विभाग ने पारदर्शिता, दक्षता और स्थायी खनन गतिविधियों में नए मानदंड स्थापित करते हुए वर्ष 2024 में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं।

विभाग की जन-केंद्रित पहुंच के बारे में जानकारी देते हुए खनन और भूविज्ञान मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा, “हमारा लक्ष्य खनन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करके आम लोगों के लिए अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना है।”

उन्होंने बताया कि विभाग ने पंजाब माइनर मिनरल पॉलिसी-2023 लागू करके सार्वजनिक खनन कार्यक्रम में शानदार सफलता हासिल की है जिसके तहत 73 सार्वजनिक खनन साइटें चालू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इन साइटों से जहां रेत की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है, वहीं राज्य को 16.07 करोड़ रुपए और स्थानीय गांववासियों के लिए 13.77 करोड़ रुपए की आय जुटाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक 18.37 लाख मीट्रिक टन रेत की बिक्री की जा चुकी है, जो लोगों की मांग को पूरा करने के लिए कार्यक्रम की प्रभावशीलता को दर्शाती है।

इसी तरह विभाग ने वाणिज्यिक खनन गतिविधियों के तहत 65 साइटों को कवर करने वाले 41 क्लस्टरों की सफलतापूर्वक नीलामी की है जिससे राज्य को 9 करोड़ रुपए की आय हुई है। उन्होंने बताया कि इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा 5.50 रुपए प्रति घन फुट (जी.एस.टी. के बिना) की सस्ती रेत खड्ड कीमत को कायम रखते हुए 100 क्लस्टरों की नीलामी की योजना है।

श्री गोयल ने बताया कि डिजिटल परिवर्तन को लागू करके व्यापार करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण सुधार लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने बेसमेंट खर्चों को सुचारू बनाया है और ऑनलाइन माइनिंग पोर्टल को “इनवेस्ट पंजाब” के साथ जोड़ा है जिससे अधिक दक्षता और पारदर्शिता के साथ एक स्वचालित अनुमोदन प्रणाली के माध्यम से 72 घंटों के भीतर परमिट जारी करना सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के दौरान देरी होने पर 72 घंटों के बाद परमिट अपने आप ही मंजूर हो जाता है।

“अवैध खनन के खिलाफ शिकंजा कसा”

खनन और भूविज्ञान मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार अवैध खनन गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि टोल-फ्री शिकायत नंबर स्थापित करके और उप-मंडलीय कमेटियां तथा उड़न दस्ते गठित करके अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई को तेज़ किया गया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 से मई 2024 तक विभाग द्वारा 1169 मामले दर्ज किए गए हैं और अवैध खनन गतिविधियों में शामिल 867 व्यक्तियों के चालान किए गए हैं।

राजस्व वसूली में वृद्धि

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राजस्व वसूली में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व वसूली 288.75 करोड़ रुपए रही जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 247 करोड़ रुपए था।

उन्होंने बताया कि लोगों को सस्ती दरों पर और खनन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विभाग डी.एस.आर में और साइटें शामिल करने और माइनिंग योजनाओं के डेटा को सत्यापित करने के लिए काम कर रहा है जिससे बाद में एस.ई.आई.ए.ए/एस.ई.ए.सी से किसी भी मुद्दे या आपत्ति से बचा जा सके। इस उद्देश्य के लिए सुपरडेंट इंजीनियरों और मुख्य कार्यालय के प्रतिनिधियों के स्तर पर अधिकारियों की कमेटियां बनाई गई हैं। अब तक इन कमेटियों द्वारा पंजाब में 45 साइटों का दौरा किया जा चुका है। इसके अलावा उप-मंडल स्तर की कमेटियों द्वारा डी.एस.आर में शामिल करने के लिए और कई साइटों का दौरा किया गया है।

‘पंजाब माइनिंग इंस्पेक्शन एप’ की शुरुआत

विभाग में तकनीकी प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने बताया कि “पंजाब माइनिंग इंस्पेक्शन एप” की शुरुआत के साथ विभाग ने तकनीक के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। इससे नागरिक मल्टीमीडिया माध्यमों जैसे तस्वीरें, वीडियज़ या दोनों के साथ अवैध खनन गतिविधियों के बारे में तुरंत सूचना देने में सक्षम हुए हैं।

इसके अलावा क्रशर साइटों पर आधुनिक कांटे और निगरानी प्रणालियां स्थापित करने के लिए अनुमानित 37 करोड़ रुपए की लागत वाली ऐतिहासिक पी.पी.पी पहल शुरू की गई है जिसमें ए.एन.पी.आर, पी.टी.जेड. कैमरे और आर.एफ.आई.डी रीडर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि क्रशर यूनियनों को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए पंजाब क्रशर पॉलिसी-2023 को लागू किया गया है और पंजाब जनतक खरीद पारदर्शिता अधिनियम अधीन और क्रशर इकाइयों द्वारा दर्शाई गई न्यूनतम खनिज मूल्य पर आधारित पब्लिक क्रशर यूनिटों की चयन के लिए पारदर्शी ई-टेंडरिंग योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब क्रशर नीति- 2023 की शुरुआत सार्वजनिक क्रशर यूनिटों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रियाओं के माध्यम से पारदर्शिता बनाए रखने के साथ-साथ उद्योग के मुद्दों को दूर करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि “हम ऐसा खनन क्षेत्र बना रहे हैं जो न केवल पंजाब की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है, बल्कि पर्यावरण की स्थिरता और सामुदायिक समन्वय को भी सुनिश्चित करता है।

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