Wednesday, January 15, 2025
Google search engine
Homedelhiक्या BSP बिगाड़ेगी AAP और BJP का खेल? Mayawati ने किया बड़ा...

क्या BSP बिगाड़ेगी AAP और BJP का खेल? Mayawati ने किया बड़ा एलान

दिल्ली में मुख्य रूप से भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनावी लड़ाई होती है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का भी यहां की चुनावी राजनीति से पुराना रिश्ता है। वर्ष 1989 से वह यहां के चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारती रही है।

मुस्लिम मतदाताओं पर बसपा की नजर

लोकसभा में उसे एक भी सीट अभी तक नहीं मिली है, लेकिन विधानसभा व निगम चुनाव में सफलता मिलती रही है। इस बार सभी 70 विधानसभा सीटों पर उसने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है। दिल्ली के करीब 17 प्रतिशत अनुसूचित जाति से संबंधित मतदाताओं के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं पर पार्टी की विशेष नजर है।
वहीं, बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को लेकर पिछले माह से शुरू हुई राजनीति के बीच बसपा की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी की कोशिश है कि चुनावी समीकरण बदलकर अपना राजनीतिक महत्व बताया जाए।

मायावती के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद

इसके लिए दिल्ली को पांच क्षेत्रों में विभाजित कर विधानसभा चुनाव की तैयारी की जा रही है। पार्टी प्रमुख मायावती के भी अगले दो सप्ताह बाद दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। उससे पहले उनके भतीजे आकाश पूर्वी दिल्ली में रैली को संबोधित कर चुनाव प्रचार की शुरुआत कर सकते हैं।
बसपा नेताओं का कहना है कि दिल्ली में पार्टी की वर्षों से आधार है। संस्थापक कांशी राम पूर्वी दिल्ली से 1989 और 1991 से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पार्टी प्रमुख मायावती भी त्रिलोकपुरी में रह चुकी हैं। वर्ष 2008 विधानसभा चुनाव में पार्टी दो सीटें जीतने में सफल रही थी। उसके बाद आम आदमी पार्टी के उदय के बाद उसकी स्थिति कमजोर होने लगी।

दिल्ली में आरक्षित हैं 12 सीटें

बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाने में आप सफल रही है। पार्टी उसे वापस लाने के लिए इस चुनाव में पूरी ताकत लगाएगी। दिल्ली में 12 आरक्षित सीटें हैं, लेकिन लगभग 30 विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जाति व मुस्लिम चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में हैं।

बसपा ने कब जीती थी सीटें?

दिल्ली की चुनावी राजनीति में उसका अब तक का सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन 2008 के दिल्ली विधानसभा में रहा था। उसके दो प्रत्याशी विजयी हुए थे। छह सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही थी। वहीं, नगर निगम चुनाव में बसपा ने 2007 में 17, 2012 में 15 और 2017 में तीन वार्डों में जीत मिली थी। वर्ष 2022 के निगम चुनाव में एक भी वार्ड में जीत नहीं मिली।

विधानसभा चुनावों में बसपा का प्रदर्शन

बसपा एक आंदोलन है। दिल्ली में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अनुसूचित जाति पर ध्यान नहीं दिया। बसपा पूरी शक्ति के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी। शीघ्र ही प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे।  – लक्ष्मण सिंह, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, बसपा

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments