मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रॉपर्टी में हेराफेरी का मामला सामने आया है। सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत दी है। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को उन्होंने पुलिस में अपने बयान दर्ज करवाए हैं। इस मामले में आरोपित उनके परिवार के सदस्य हैं।
हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा नांगल चौधरी के रहने वाले हैं। उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में काफी भूमि है। हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के पिता पिछले 60 से 70 साल पहले दिल्ली में रहने लगे थे। बकौल सुरेंद्र शर्मा उनके पिता ने गांव में धर्मशाला बनवाई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल का निर्माण करवाया था।
धर्मशाला का इस्तेमाल स्कूल के रूप में हो रहा
पिता बालकिशन शर्मा की इच्छा थी कि धर्मशाला का इस्तेमाल हर बिरादरी के लोग करें। इस धर्मशाला का इस्तेमाल वर्तमान में आरोपित पुष्करमल और उनके परिवार द्वारा स्कूल के रूप में किया जा रहा है। जब उन्हें पता चला तो बात बढ़ाने की बजाए कवि सुरेंद्र शर्मा ने स्कूल में कम से कम 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने और स्कूल का नाम उनके पिता के बाबा रामस्वरूप नाम से करने की बात कही थी। आरोपितों ने उनकी बात नहीं मानी।
उनके फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर वकालतनामा लगाया
दोनों सम्मनों पर सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए
उन्होंने बताया कि यह भी पता चला कि परिवार की प्रॉपर्टी की बंटवारा (तकसीम) के मामले में सहायक क्लेक्टर प्रथम श्रेणी नांगल चौधरी ने 2020 में आदेश दिए थे। 30 नवंबर 2011 को इंतकाल भी कर दिया गया। इस मामले में सुरेंद्र शर्मा को 16 नवंबर 2009 व 18 नवंबर 2009 को सम्मन तामिल दर्शाए गए हैं। स्वीकृत तकसीम के लिए इन दोनों सम्मनों पर सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए हैं। हास्य कवि ने दैनिक जागरण को बताया कि आरोपितों ने उनकी बुआ पाना और बिमला के बच्चों के भी हस्ताक्षर फर्जी करवाए हुए हैं।
मामले की शिकायत उपायुक्त, एसपी और आइजी को
इस मामले की जांच के लिए एसडीएम नांगल चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. विवेक भारती, उपायुक्त