राहुल ने आगे कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली जिस तरह से स्थापित की गई है, उसमें गंभीर समस्याएं हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली बच्चों की सोच को पनपने नहीं दे रही है।

‘जो बच्चे करना चाहते वो करने दें…’

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने हजारों बच्चों से बात की और उनसे पूछा कि वे क्या बनना चाहते हैं। छात्रों ने उनसे कहा कि वे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर या सेना के जवान बनना चाहते हैं।

राहुल ने इसपर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि देश में करने के लिए केवल पांच चीजें हों, लेकिन हमारी शिक्षा व्यवस्था इसी पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बच्चों को वह करने देना चाहिए जो वे करना चाहते हैं और उन्हें कई चीजों का अनुभव करने की अनुमति देनी चाहिए।

चीन-अमेरिका पर क्या बोले राहुल?

राहुल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत चीन और अमेरिका को कैसे संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं और हमारे पास एक संतुलन समीकरण है, तो भारत एक ऐसे स्थान पर है जहां वह अपनी शक्ति से कहीं अधिक पा सकता है।