Wednesday, January 15, 2025
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Delhi में assembly elections के एलान के साथ ही लागू हुई आचार संहिता, जानिए क्या होंगी पाबंदियां

दिल्ली में विधानसभा चुनावों का एलान हो चुका है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आचार संहिता (Code of conduct) भी लागू हो गई है। इस वजह से दिल्ली में कई तरह की पाबंदियां लागू हो गई हैं। दिल्ली में पांच फरवरी (बुधवार) को मतदान होगा, जिसके परिणाम आठ फरवरी (शनिवार) को आएंगे।

आचार संहिता लागू होने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं, प्रत्याशियों, रैली, जुलूस, नामांकन के लिए कुछ नियम और मानक तय किए जाते हैं। जिन्हें राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के साथ प्रत्याशियों को पालन करना अनिवार्य होता है।

आचार संहिता के क्या होते हैं प्रावधान ?

  • कोई राजनीतिक दल या नेता विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच मतभेद या घृणा बढ़ाने की गतिविधि में शामिल न हों।
  • नेता या पार्टी नीतियों व कार्यों की आलोचना कर सकते हैं। वो किसी दल, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्‍पणी नही करेंगे।
  • धार्मिक स्थल पर चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।
  • किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करते हुए वोट डालने की अपील न करें।
  • मतदान केंद्र से 100 मीटर के अंदर प्रचार करने पर रोक।
  • मतदाताओं को रिश्‍वत नहीं दे सकते और न ही डरा-धमका सकते हैं।
  • मतदान से 48 घंटे पर चुनाव-प्रचार पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
  • राजनीतिक दल या किसी उम्‍मीदवार के घर के सामने विरोध-प्रदर्शन पर रोक
  • किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति पर बिना अनुमति के झंडा, बैनर नहीं लगा सकते हैं और न ही नारा लिख सकते हैं।
  • राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी यह सुनश्चित करें कि वो दूसरे दलों के कार्यक्रम में बाधा न डालें।
  • किसी दल के पोस्टर हटाकर या उनके ऊपर अपने पोस्टर नहीं हटा सकते।
  • रैली या सभा करने से पहले राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को पहले से पुलिस को सूचना देनी है।
  • लाउडस्‍पीकर के उपयोग की इजाजत पहले से लेनी होगी।

सत्ताधारी दल के लिए भी हैं नियम

  • मंत्रीगण आधिकारिक दौरे के वक्‍त चुनाव प्रचार न करें।
  • सरकारी विमानों और गाड़ियों का उपयोग पार्टी के हित के लिए ना करें।
  • सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों को इस्‍तेमाल पार्टी हित में ना करें।
  • हेलीपैड पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार न जताए।
  • सरकारी फंड से पार्टी का प्रचार-प्रसार न करें।
  • केंद्र या राज्‍य सरकार के मंत्री, उम्‍मीदवार, मतदाता या एजेंट के सिवाय अन्‍य लोग मतदान केंद्र में न घुसें।

जुलूस के लिए क्‍या हैं नियम?

  • जुलूस के लिए पुलिस को पहले से सूचना देनी होगी। उसमें यह बताना होगा कि जुलूस का रूट क्या होगा, कहां से शुरू और कहां खत्म होगा।
  • जुलूस का प्रबंधन ऐसे करें कि यातायात प्रभावित न हो और जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
  • अगर एक ही दिन और एक ही लोकेशन पर दो या उससे ज्यादा दलों का जुलूस निकल रहा हो तो प्रशासन से बाच करें।
  • जुलूस के दौरान नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री न लेकर जाएं।

मतदान के दिन के लिए राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों के लिए

  • कार्यकर्ताओं को दल अपना पहचान पत्र दें।
  • निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग किया जाए।
  • मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो, उस पर किसी तरह का चिह्न, प्रत्‍याशी या पार्टी का नाम न हो।
  • मतदान वाले दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
  • कैंप सामान्य तरह का हो और प्रचार करने वाली कोई भी सामग्री न हो।
  • मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका प‍रमिट ले लें।
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