चुनावी रणभूमि में प्रत्याशी उतार चुकी है AAP
नई दिल्ली पर केजरीवाल को कौन देगा चुनौती?
आप संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) एक बार फिर से अपनी पुरानी सीट नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे।
कालकाजी से आतिशी के सामने है कौन?
मुख्यमंत्री आतिशी इस बार भी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। कांग्रेस ने इनके विरुद्ध अपनी राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका लांबा को टिकट दिया है। भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को यहां से प्रत्याशी बनाया है।
इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे मनीष सिसोदिया
वहीं, मनीष सिसोदिया इस बार अपनी सीट पटपड़गंज को छोड़कर जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें घेरने के लिए कांग्रेस ने पूर्व महापौर फरहाद सूरी और भाजपा ने तीन बार विधायक रह चुके तरविंदर सिंह मारवाह को उतारा है।
ये हैं प्रमुख प्रत्याशी
- आप: अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आतिशी, अवध ओझा, गोपाल राय, मुकेश अहलावत, इमरान हुसैन, रघुवेंद्र शौकीन
- भाजपा: प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, तरविंदर सिंह मारवाह, विजेंद्र गुप्ता, कैलाश गहलोत, अरविंदर सिंह लवली
- कांग्रेस: देवेंद्र यादव, संदीप दीक्षित, अलका लांबा, फरहाद सूरी, हारुन युसुफ
आप के सामने चौथी बार क्या है चुनौती?
आप के सामने चौथी बार सत्ता प्राप्त करने की चुनौती है। 2012 में पार्टी का उदय हुआ था और 2013 के चुनाव में 28 सीटें जीतकर कांग्रेस के समर्थन से सत्ता प्राप्त की। अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने।
1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता से दूर है भाजपा
भारतीय जनता पार्टी 1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता से दूर है। आमने सामने की लड़ाई तीन चुनाव में वह कांग्रेस से पराजित हुई। वर्ष 2013 में पार्टी 33 सीटें जीतकर भी सत्ता से दूर रह गई थी। वर्ष 2014 और 2019 में लोकसभा की सभी सातों सीटें जीतने के बावजूद उसके कुछ माह बाद हुए दो विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
अपनी राजनीतिक जमीन को पाने के प्रयास में है कांग्रेस
कांग्रेस अपनी राजनीतिक जमीन को प्राप्त करने के प्रयास में है। दिल्ली में आप के उदय के साथ ही कांग्रेस के बुरे दिन शुरू हो गए थे। लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस 2013 में आठ सीटों पर सिमट गई थी। उसके बाद के दो चुनावों में पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका है।