आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना मानी जाती है। इसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। अब इसी आयुष्मान योजना की वजह से एक कैंसर मरीज बुजुर्ग ने अपनी जान दे दी है।
क्या है मामला?
गैस्ट्रिक कैंसर से पीड़ित 72 साल के बेंगलुरु निवासी व्यक्ति ने 25 दिसंबर को आत्महत्या कर ली, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) का लाभ देने से मना कर दिया गया था। पीड़ित एक रिटायर्ड राज्य सरकार कर्मचारी था और कैंसर का पता चलने के 15 दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई ।
परिवर के लोगों का कहना है कि बुजुर्ग तब परेशान हो गए जब उन्हें पता चला कि जिस अस्पताल में वह भर्ती है, उसने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरिष्ठ नागरिक योजना के तहत 5 लाख रुपये का कवर देने से मना कर दिया है।
अस्पताल ने कहा- नहीं आया सरकार का आदेश
परिवार के सदस्य ने बताया कि हमने AB PM-JAY वरिष्ठ नागरिक कार्ड बनाया था, जिसके तहत उन्हें सालाना 5 लाख रुपये का कवर दिया गया था लेकिन किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी (KMIO) ने यह कहते हुए लाभ देने से इनकार कर दिया कि राज्य सरकार के आदेश अभी तक नहीं आए हैं। हालांकि, इसने हमें 50% की छूट दी। ”
वहीं अस्पताल की तरफ से बताया गया कि वरिष्ठ नागरिक योजना अभी तक लागू नहीं हुई है, इस पर आदेश का अभी भी इंतजार है। कर्नाटक सरकार ने पुष्टि की है कि उसने अभी तक इस योजना को लागू नहीं किया है। इस योजना में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को 5 लाख रुपये का मुफ्त बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है।