अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप ने नेटफ्लिक्स के एक ब्रिटिश शो की तो जमकर तारीफ की है, लेकिन उन्होंने नेटफ्लिक्स इंडिया को काफी खरी-खोटी सुनाई है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर आई नई वेब सीरीज ‘एडोलसेंस’ लगातार प्रशंसा बटोर रही है। इसको देखने के बाद बड़े से बड़े निर्माता-निर्देशक भी इसके फैन बन जा रहे हैं। अब ‘एडोलसेंस’ के प्रशंसकों में एक नाम और जुड़ गया है बॉलीवुड के खुदरंग निर्देशक अनुराग कश्यप का। अनुराग कश्यप ने जैक थॉर्न और स्टीफन ग्राहम द्वारा निर्मित ब्रिटिश मिनीसीरीज ‘एडोलसेंस’ की प्रशंसा की है। यह सीरीज एक 13 साल के लड़के की कहानी है, जिस पर हत्या का आरोप है। सीरीज की खासियत ये है कि इसके हर सीन को एक ही बार में फिल्माया गया है। सीरीज को लगातार सराहना मिल रही है।
अनुराग ने इंस्टाग्राम पर साझा किया नोट
शेखर कपूर और हंसल मेहता जैसे दिग्गज फिल्ममेकर के इस सीरीज की तारीफ करने के बाद अब अनुराग कश्यप ने भी ‘एडोलसेंस’ की प्रशंसा की है। सीरीज को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में अनुराग लिखते हैं, “अभी-अभी एडोलसेंस को एक बार में ही पूरा देखा। मैं हैरान हूं और मुझे ईर्ष्या हो रही है कि कोई ये कैसे बना सकता है। बाल कलाकार ओवेन कूपर और स्टीफन ग्राहम, जो न सिर्फ पिता की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि शो के सह-निर्माता भी हैं, उन्होंने कितना शानदार अभिनय किया है। इस पूरे शो में काफी मेहनत की गई है। मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि उन्होंने कितनी रिहर्सल और तैयारी की होगी, ताकि वो हर एपिसोड को एक ही शॉट में शूट कर सकें। सिनेमैटोग्राफर मैथ्यू लुईस और फिल्म निर्माता फिलिप बैरेंटिनिनी कितने प्रतिभाशाली हैं। यह किसी भी फिल्म या मेरी अब तक की देखी हर चीज से बेहतर है। इसमें समय लगता है, यह एक भी बारीकियों को न चूकने का साहस है। सह निर्माता जैक थॉर्न और पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई। एक बेहतरीन टीम और दृढ़ संकल्प के बिना इसे पूरा करना संभव नहीं है।”
नेटफ्लिक्स पर लगाया दोहरे मानकों का आरोप
‘एडोलसेंस’ की तारीफ के साथ-साथ अनुराग कश्यप ने भारत में बनाए जाने वाले कंटेंट को लेकर नेटफ्लिक्स के नजरिए की कड़ी आलोचना की। अपनी पोस्ट के कमेंट सेक्शन में अनुराग ने नेटफ्लिक्स के शीर्ष अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए उन पर दोहरे मानकों का आरोप लगाया। अनुराग कश्यप ने लिखा, “ हाल ही में टेड सारंडोस ने एक पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने कहा कि कभी-कभार कोई न कोई ऐसी फिल्म आती है जो नए अनुभव कराती है, रचनात्मकता की सीमाओं को चुनौती देती है और करियर को बयान करने वाली परफॉर्मेंस देती है। मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा ही कह रहे हैं। क्योंकि नेटफ्लिक्स इंडिया पर उनका शो बिल्कुल उल्टा है। यदि उन्हें यह प्रस्ताव दिया जाता तो संभवतः वे इसे अस्वीकार कर देते या इसे 90 मिनट की फिल्म में बदल देते। हालांकि, यह भी असंभव लगता है, क्योंकि इसका अंत काला और सफेद नहीं है।”
भारत में सिर्फ सब्सक्राइबर बढ़ाना ही नेटफ्लिक्स का उद्देश्य
नेटफ्लिक्स इंडिया पर आगे निशाना साधते हुए निर्देशक कश्यप ने कहा, “सेक्रेड गेम्स के बाद दो बार उनसे सामना हुआ और सहानुभूति, साहस व मूर्खता की पूरी कमी के साथ-साथ सीरीज के प्रमुख और टीम की ओर से हद से अधिक असुरक्षा की भावना भी रही, जिन्हें बार-बार नौकरी से निकाला जाता रहा। यह मुझे निराश करता है। हम सबसे बेईमान और नैतिक रूप से भ्रष्ट नेटफ्लिक्स इंडिया का एक समूह जिसे लॉस एंजिल्स में बॉस का बहुत मजबूत समर्थन प्राप्त है, उसके साथ इतना शक्तिशाली और ईमानदार कुछ कैसे बना सकते हैं। टेड और बेला का यह पाखंड 140 अरब लोगों के भारतीय बाजार के संबंध में है, जहां केवल सब्सक्राइबर बढ़ाना ही एकमात्र उद्देश्य है और कुछ नहीं।”
अनुराग ने बताया पहले कैसे कंटेंट ढूंढता था नेटफ्लिक्स इंडिया
अनुराग कश्यप ने आगे और भी सख्त होते हुए और पुराने वक्त को याद करते हुए कहा, “एक समय था जब एरिक बार्मैक नेटफ्लिक्स के साथ कुछ बनाने के लिए फेसबुक पर पहुंचते थे, पर अब वे आपको ‘सारे जहां से अच्छा’ जैसा शॉट शो भेजते हैं, जो ठीक से लिखा भी नहीं गया होता है और आधा-अधूरा होता है। वैसे इसके निर्देशक पहले ही बदल चुके हैं और दो बार शूटिंग भी हो चुकी है। यह सब मुझे ‘एडोलसेंस’ जैसे शो के प्रति निराश और ईर्ष्यालु कर देता है। मुझे उम्मीद है कि वे इसे मिल रही प्रशंसा से सीखेंगे और यह समझेंगे कि भारतीय नेटफ्लिक्स की सभी बेहतरीन चीजें या तो कहीं से ली गई (एडॉप्टेड) हैं, जैसे दिल्ली क्राइम, ब्लैक वारंट या वो हैं जिन पर उन्हें कम से कम विश्वास था, जैसे कोहरा, ट्रायल बाय फायर। एक बेहतर भविष्य की कामना करता हूं।