Saturday, December 28, 2024
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पंजाब में साइबर अपराध: महिलाएं-बुजुर्ग निशाने पर, ज्वाइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम बनाएगी नए सेंटर

पंजाब में सभी आपराधिक गतिविधियों में से 2.3 प्रतिशत अपराध साइबर से जुड़े पाए गए। बड़ी बात यह है कि इन साइबर अपराध के कुल मामलों में से 58.8 प्रतिशत में केस दर्ज कर उसमें कार्रवाई की गई। पंजाब में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए जल्द ही ज्वाइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम पंजाब नए सेंटर बनाएगी। जहां साइबर ठगों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तर भारत के अन्य राज्यों के साइबर सेल से तालमेल बैठाकर योजनाएं बनाई जाएंगी।

Cyber criminals are preying on women and elderly in Punjab

पंजाब में साइबर अपराध का जाल फैलता जा रहा है। साइबर क्रिमिनल बड़ी संख्या में 15 से 23 साल के युवाओं, महिलाओं और खासकर बुजु को शिकार बना रहे हैं।

पंजाब में जहां नशे की तस्करी और इसके इस्तेमाल को सबसे बड़ी चुनौती समझी जाता है वहीं अब साइबर अपराध भी इससे अछूता नजर नहीं आ रहा। यह केवल पंजाब के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य चुनौतियों की श्रेणी में शामिल हो चुका है।

एनसीआरबी के मुताबिक पंजाब में वर्ष 2020 से 2022 तक साइबर अपराध के आंकड़े
वर्ष                            आंकड़े

2020                         378
2021                         551
2022                         697

वर्ष 2022 में पंजाब में इस प्रकार के साइबर अपराध से ज्यादा शिकार हुए लोग जो सुलझाए गए
साइबर अपराध तरीका                                                    मामले

इंटरनेट, बैंकिंग और ऑनलाइन के जरिये साइबर ठगी               242
कंप्यूटर टैंपरिंग यानी कंप्यूटर हैक कर                                   128
कंप्यूटर से डाटा चुराकर                                                       77
साइबर स्टॉकिंग, महिलाओं व बच्चों को धमकाकर                    26
एटीएम की जानकारी प्राप्त कर धोखाधड़ी के                           06
ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी                                                 17
ओटीपी लेकर धोखाधड़ी                                                      11

ऐसे बचें साइबर ठगी से
-अपना ओटीपी, यूपीआई या मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी से साझा न करें।
-मोबाइल के मैसेज या ई-मेल आईडी पर किसी अज्ञात द्वारा भेजे किसी लिंक को क्लिक न करें।
-कमजोर या आसानी से अनुमान लगाने योग्य पासवर्ड या पैटर्न का उपयोग न करें।
-असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क या पुराने सॉफ्टवेयर का प्रयोग न करें।
-यूपीआई पिन केवल उस समय प्रयोग होता है, जब आपको किसी को स्वेच्छा से पैसे भेजने हैं, ऐसे में यूपीआई किसी से साझा न करें।
-अपना यूजर आईडी, पासवर्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड पिन, सीवीवी नंबर किसी से साझा न करें।
-नकदी निकलवाने के लिए कभी किसी को अपना एटीएम या अन्य कोई कार्ड न दें।
-ऐसी किसी भी ई मेल, लिंक या कॉल का जवाब न दें जो आपको यूजर आईडी, पासवर्ड, डेबिट कार्ड नंबर, पिन या अपने बैंक खाते या इंटरनेट बैंकिंग को सत्यापित करने के लिए कहे।

वर्ष 2022 में साइबर अपराध से जुड़े कुल इतने मामले सामने आए, इनमें जांच जारी
साइबर अपराध                              इतने मामले आए             अभी इतने मामलों की जांच जारी

ऑनलाइन सुसाइड                            24                                32
साइबर स्टॉकिंग, महिलाओं व बच्चों        1,471                             2,869
को धमकाना
क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से धोखाधड़ी 1,665                            3,907
ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड                         6,491                          13,392
ओटीपी धोखाधड़ी                             2,910                           5,050

साइबर ठगी का शिकार होने पर यहां करें संपर्क
-टोल फ्री नंबर-1930 पर संपर्क करें।
-स्टेट साइबर क्राइम सेल, एसएएस नगर फेज-4 में संपर्क कर सकते हैं।
-हेल्पलाइन नंबर-0172-2226258 पर संपर्क कर सकते हैं।
crime.punjabpolice.gov.in पर साइबर अपराध से बचने के लिए अन्य प्रकार की जानकारी ले सकते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध से जुड़ा एनसीआरबी का आंकड़ा
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की दिसंबर 2023 में जारी की रिपोर्ट की अगर बात करें तो देशभर में वर्ष 2022 में साइबर अपराध के कुल 65,893 मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा वर्ष 2021 में 52,974 था। यानी इस समय अवधि में साइबर अपराध में 24.4 प्रतिशत मामले बढ़े हैं। इनमें 64.8 प्रतिशत यानी कुल 42,710 मामले ऑनलाइन या अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी से जुड़े पाए गए। यहां तक की साइबर ठगों द्वारा यौन शोषण के अलग-अलग हथकंडों और डरा-धमकाकर अवैध वसूली के भी मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। 

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