गर्मी में 24 घंटे में 33 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
प्रचंड गर्मी ने दिल्ली में कोहराम मचा रखा है। गर्मी में 24 घंटे में 33 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। पुलिस के पास अभी पांच जिलों का डेटा नहीं है। ज्यादातर पुलिस उपायुक्त का कहना है कि यह फुटपाथ व रैन बसेरों में रहने वाले लोग थे। शुरुआती जांच में पुलिस इनकी मौत का कारण गर्मी ही मान रही है। हालांकि यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर और स्पष्ट हो जाएगी। उधर, दिल्ली के 38 अस्पतालों में हर रोज बेहोशी, उल्टी व चक्कर आने के 100 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं।
दक्षिण-पूर्व जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अकेले लाजपत नगर थानाक्षेत्र में 24 घंटे में 8 लोगोंं की मौत हुई है। दो लोगों के शव नेहरू नगर फ्लाईओवर के नीचे मिले। एक व्यक्ति का शव मूलचंद अस्पताल के सामने फुटपाथ पर मिला। इसके अलावा एक व्यक्ति का शव मूलचंद मेट्रो स्टेशन के पास मिला। दो शव लाजपत नगर में मिले थे। इसके बाद सबसे ज्यादा शव उत्तरी जिले व उत्तर-पश्चिमी जिले में मिले। उत्तरी जिले में 8 लावारिस लोगों के शव मिले। उत्तर-पश्चिमी जिले में सात शव मिलेे।
उत्तर-पश्चिमी जिले में सुभाष प्लेस मेें 35-40 वर्ष के व्यक्ति का शव, सुभाष प्लेस शकूरपुर में 25 से 30 वर्ष के युवक का शव, आजादपुर मंडी में 40 वर्ष के व्यक्ति का शव, मुखर्जी नगर के एक कुटीर और केशवपुरम में एक व्यक्ति का शव मिला।
नई दिल्ली जिले में मंगलवार को जनपथ लेन की फुटपाथ पर एक व्यक्ति का शव मिला। उम्र करीब 40 से 45 वर्ष के बीच है। शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं। इसके अलावा गर्मी से मंदिर मार्ग के अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि पिछले 15 दिन में 15 से 20 लावारिस लोगों की गर्मी से मौत हो चुकी है। कुछ का पोस्टमार्टम हुआ है, तो गर्मी मौत का कारण आया है। इन लोगों का पोस्टमार्टम से ही पता लगेगा कैसे मौत हुई है।
शुरुआती जांच में गर्मी से हो रही है मौत
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती जांच में लग रहा है कि इन लोगों की मौत गर्मी से हुई है। ये वे लोग हैं जो रैन बसेरे और फुटपाथ पर रहते थे। उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त जितेंद्र मीणा ने बताया कि शुरू में तो यही माना जा रहा है कि गर्मी से मौत हुई है।
मोर भी मर रहे
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गर्मी से मोर भी मर रहे हैं। करीब-करीब हर रोज दो मोरों के मरने की उनके पास कॉल आ रही है। ये कॉल्स पिछले 10 से 12 दिन से आ रही हैं। पिछले दिनों में काफी मोर मर चुके हैं।
कहां कितने शव मिले
जिला मौत के मामले
- दक्षिण-पश्चिमी 0
- दक्षिण जिला 3
- शाहदरा 1
- उत्तरी जिला 8
- उत्तर-पश्चिमी 7
- लाजपत नगर 8
- बाहरी दिल्ली 1
- नई दिल्ली 2
- उत्तर-पूर्व 1
-
- बाहरी-उत्तरी जिला 2
नोट – पूर्वी जिला, द्वारका, पश्चिमी, मध्य और रोहिणी से मौत का आंकड़ा उपलब्ध नहीं।
गर्मी से मौत पर अकड़ जाते हैं हाथ-पैर
विशेषज्ञ के अनुसार, गर्मी से जो व्यक्ति मरता है उसके हाथ-पैर अकड़ जाते हैं। मुंह व नाक से खून निकलता है। अंदर से शरीर का अंदरूनी हिस्सा निकलना शुरू हो जाता है। पिछले 24 घंटे में जो शव मिले हैं, वह सब लावारिस हैं। किसी की पहचान नहीं हुई है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखवा दिया है।