पंजाब के मुख्यसचिव श्री अनुराग वर्मा ने नशों पर लगाम लगाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा जारी हिदायतों का सख़्ती से पालन को यकीनी बनाने के लिए कहा है।
नार्काे कोऑर्डीनेशन सेंटर (एन-कॉर्ड) की सूबा स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री वर्मा ने पंजाब पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) को बड़े स्तर पर नशों का व्यापार करने वाले नशा तस्करों पर पैनी नज़र रखने और उनके द्वारा किये अपराधों के लिए सख़्त सजा यकीनी बनाने के लिए कहा है। एन. डी. पी. एस एक्ट की धारा 31 के प्रचार की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि आदतन अपराधियों को सजा देने के लिए इस एक्ट की सख़्त धाराओं संबंधी प्रचार करना समय की ज़रूरत है। श्री वर्मा ने जांच अधिकारियों/ज़िला अटर्नी अफ़सरों को प्रभावी प्रशिक्षण देने की वकालत की जिससे कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त से सख़्त सजा यकीनी बनाई जा सके।
मुख्य सचिव श्री वर्मा ने कहा कि अधिकारी नशा तस्करों की जायदाद ज़ब्त करने सम्बन्धी मुख्यमंत्री, पंजाब स. भगवंत सिंह मान के हुक्मों का सख़्ती से पालन को यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी न छोड़ी जाये क्योंकि सूबा सरकार ने नशों की कुरीति के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है। श्री वर्मा ने कहा कि नशों के विरुद्ध जंग को आम लोगों के सहयोग से लोकलहर बनाया जाये। सम्बन्धित विभागों और केंद्रीय व प्रांतीय एजेंसियों के दरमियान बेहतर तालमेल बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी विस्तृत एस. ओ. पी. पहलें ही जारी की जा चुकी है।
नशाखोरी और ग़ैर-कानूनी तस्करी के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस की संध्या के मौके पर नशों के विरुद्ध जंग के प्रति सूबा सरकार की वचनबद्धता पर ज़ोर देते हुए मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जांच कार्यवाही दौरान सम्बन्धित अधिकारी अपने पास एस. ओ. पी. की चैक लिस्ट रखें और रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय उठाए गए सभी कदमों को निशान लगाकर उजागर करें। राज्यभर के कैमिस्टों पर निगरानी बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि बार-बार कानून का उल्लंघन करने वाले कैमिस्टों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही अमल में लाते हुए उनके लाईसेंस रद्द किये जाएँ। उन्होंने आगे बताया कि लगभग 30,000 रिटेल सेल और होलसेल कैमिस्टों में से सिर्फ़ 134 होलसेल कैमिस्टों और 463 रिटेल सेल कैमिस्टों को पाबन्दीशुदा दवाएँ रखने और बेचने की इजाज़त दी गई है।
श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों अनुसार स्कूलों और कॉलेजों में खेल गतिविधियों को प्रफुल्लित करने के साथ-साथ बड़े स्तर पर जागरूकता गतिविधियां शुरू की जाएँ जिससे नौजवानों की असीम ऊर्जा को रचनात्मक दिश प्रदान की जा सके। श्री वर्मा ने कर विभाग को पाबन्दीशुदा वस्तुएँ लाने-लेजाने वाले ट्रकों की आवाजाही को नियमत करने के लिए जी. एस. टी. आई. एन. और ई वे बिलों की पड़ताल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सूबा स्तर पर सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल को यकीनी बनाने के लिए नियमत तौर पर ज़िला स्तरीय एन-कॉर्ड मीटिंगें होनी चाहिएं।
मीटिंग में दूसरों के अलावा विशेष मुख्य सचिव रेवेन्यू के. ए. पी. सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी और कर विकास प्रताप, डीजीपी गौरव यादव, गृह सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, विशेष डीजीपी स्पेशल टास्क फोर्स कुलदीप सिंह, सचिव स्वास्थ्य अजोए शर्मा, डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा विनय बुबलानी, गृह सचिव जसविन्दर कौर, डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास शेना अग्रवाल, डायरेक्टर एस. सी. ई. आर. टी और डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन अमनिन्दर कौर बराड़, विशेष सचिव गृह अमनदीप कौर, ज़ोनल डायरेक्टर एनसीबी चंडीगढ़ अमनजीत सिंह के अलावा अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियों के नुमायंदे उपस्थित थे।
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