किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि फैसला हुआ कि 22 जुलाई को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में सभा की जाएगी। इसमें देशभर से विभिन्न किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदे पहुंचेंगे।
खन्नौरी सीमा पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा की साझी बैठक की गई। इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि फैसला हुआ कि 22 जुलाई को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में सभा की जाएगी। इसमें देशभर से विभिन्न किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदे पहुंचेंगे। वहीं, जाने-माने खेतीबाड़ी माहिर भी शिरकत करेंगे। सम्मेलन में केंद्र सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया जाएगा।
उन्होंने बताया, सरकार के नुमाइंदे गलत प्रचार कर रहे हैं कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने से बजट पर करीब साढ़े 17 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कन्वेंशन के जरिये विपक्षी दलों के सांसदों से मांग की जाएगी कि वह वादे पर खरा उतरते हुए संसद में एमएसपी की कानूनी गारंटी का प्राइवेट बिल लाएं। साथ किसानों व मजदूरों की कर्ज मुक्ति, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को उनकी फसलों के दाम मिलना तय कराने संबंधी भी संसद में आवाज उठाकर केंद्र पर दबाव बनाए। डल्लेवाल ने कहा कि बैठक में 17 व 18 जुलाई को अंबाला के एसपी दफ्तर के घेराव को लेकर भी किसानों की ड्यूटियां लगाई गईं हैं।
डल्लेवाल ने आगे बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए एफिडेफिट की कापी हासिल की जा रही है। इसके मिलते ही देखा जाएगा कि हरियाणा सरकार ने बैरीकेडिंग न हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्या तर्क दिए हैं। इसके बाद 16 जुलाई को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने किसान जत्थेबंदियां अपना रूख साफ करेंगी कि आगे क्या किया जाएगा। डल्लेवाल ने कहा कि रास्ते बंद होने को लेकर पिछले कुछ समय से किसानों के खिलाफ व्यापारियों व आम जनता में गलत प्रचार किया गया।
व्यापारियों को हो रहे घाटे व लोगों की परेशानी के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं है। अब हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाकर हरियाणा सरकार ने यह साबित कर दिया है कि इन्हें व्यापारियों व लोगों से कोई वास्ता नहीं, इनका एकमात्र मकसद केवल किसानों को दिल्ली नहीं जाने देना है। लेकिन किसान अपने स्टैंड पर डटे हैं। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। फिर चाहे इसमें कितना ही समय लगे। डल्लेवाल ने कहा कि किसान जत्थेबंदियों की अपील है कि व्यापारी व आम लोग उनके साथ आकर लड़ाई में साथ दें।
’20 जुलाई तक सरकार ने बात नहीं की तो बड़ा आंदोलन करेंगे किसान
रोहतक में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रविवार को चौधरी छोटूराम धर्मशाला में प्रदेशस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता इंद्रजीत सिंह, विकास सीसर, सुखविंदर और रणवीर मलिक ने संयुक्त रूप से की। बैठक में प्रदेशभर के संगठन शामिल हुए। किसानों ने कहा कि यदि 20 जुलाई तक सरकार मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात नहीं करती है तो अगले महीने प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगें। बैठक में किसानों की स्थानीय समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई।