पंजाब के होजरी टेक्सटाइल उद्योग में लगभग 22 फीसदी महिला वर्कर हैं, जबकि त्रिपुर और अन्य टेक्सटाइल हब शहरों में इस सेक्टर की इकाइयों में पचास फीसदी तक महिला वर्करों की संख्या है। यहां पर इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्याें से आने वाले वर्करों पर निर्भर है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से मंगलवार को संसद में पेश बजट में कामकाज महिलाओं के लिए होस्टल एवं उनके बच्चों के लिए क्रेच खोलने को तवज्जो दी गई है। इससे होजरी टेक्सटाइल उद्योग में एक तरफ महिला कर्मियों की संख्या में इजाफा होगा, वहीं इंडस्ट्री में मैनपावर की कमी को दूर किया जा सकेगा।
इसके अलावा बजट में होजरी टेक्सटाइल उद्योग की ज्यादातर मांगों को दरकिनार ही किया गया है। उद्यमियों का कहना है कि बजट में इस सेक्टर को बूस्ट करने के लिए कोई खास उपाय नहीं किए गए
पंजाब के होजरी टेक्सटाइल उद्योग में लगभग 22 फीसदी महिला वर्कर हैं, जबकि त्रिपुर और अन्य टेक्सटाइल हब शहरों में इस सेक्टर की इकाइयों में पचास फीसदी तक महिला वर्करों की संख्या है। यहां पर इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्याें से आने वाले वर्करों पर निर्भर है।
अब उद्यमी मानते हैं कि यदि यहां पर भी कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल एवं क्रेच बने तो ग्रामीण इलाकों की महिलाएं फैक्टरियों में आकर काम कर सकती हैं। इससे दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों पर निर्भरता कम होगी। दूसरे ग्रीन केटेगरी की इंडस्ट्री होने के कारण इस सेक्टर में महिलाओं के लिए कामकाज का उपयुक्त माहौल है।
फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल आर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल विंग के प्रमुख अजीत लाकड़ा का कहना है कि वुमेन होस्टल बनाने का सरकारी फैसला सराहनीय है। टेक्सटाइल उद्योग को बूस्ट करने के लिए कामन सुविधाओं, विश्व स्तरीय रिसर्च एंड डेवलपमेंट, कंपोजिट कलस्टर, चीन की तर्ज पर बड़े स्तर के औद्योगिक उत्पादन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की दरकार है। इसके लिए बजट में प्रावधान नहीं किए गए हैं। लाकड़ा ने कहा कि चीन से आ रहे सस्ते आयात से इंडस्ट्री परेशान है। इसे लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
निटवियर अपैरल मेन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन आफ लुधियाना के प्रधान सुदर्शन जैन का कहना है कि दो तीन साल पहले भी केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए मेगा टेक्सटाइल पार्क मंजूर किया था, तब उद्योग में जान आने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन राज्य सरकार जमीन मुहैया नहीं करा पाई और यह पार्क नहीं बन सका। अब बजट में सरकार ने 12 औद्योगिक पार्क बनाने का ऐलान किया है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वे केंद्र से एक पार्क हासिल करे, तभी यहां के उद्योगों में अपग्रेडेशन होगा, विश्व स्तरीय तकनीक आएगी और इंडस्ट्री बाजार की चुनौतियों से मुकाबला कर सकेगी।