एम्स के त्वचा रोग विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. कनिका साहनी ने कहा कि विभाग ने 60 मरीजों पर एक अध्ययन किया। इसमें 40 मरीजों को कैमोफ्लाज (खास तरह का मेकअप) दिया। इसे लगाने के बाद शरीर का दाग वाला हिस्सा भी सामान्य हो गया।
शरीर पर बने सफेद दाग (विटिलिगो) को कैमोफ्लाज कुछ ही समय में छिपा देता है। इसे लगाने वाला विटिलिगो का मरीज भी सामान्य दिखाई देता है। एम्स ने 60 मरीजों पर इसका इस्तेमाल कर मरीजों की जीवन शैली में बदलाव का अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि मरीज खुद के प्रति घृणा की भावना को भूल जाता है।
दरअसल, विटिलिगो के मरीजों में मानसिक रूप से घृणा की भावना रहती है। यहीं कारण है कि वह इन दाग को दूर करने के लिए कई तरह के उपचार करवाते हैं। कई बार स्थिति खराब होने के बाद एम्स सहित दूसरे बड़े अस्पतालों में पहुंच जाते हैं। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि ऑटो इम्यून डिजीज है। इसके होने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।
एम्स के त्वचा रोग विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. कनिका साहनी ने कहा कि विभाग ने 60 मरीजों पर एक अध्ययन किया। इसमें 40 मरीजों को कैमोफ्लाज (खास तरह का मेकअप) दिया। इसे लगाने के बाद शरीर का दाग वाला हिस्सा भी सामान्य हो गया। इसे लगाने के बाद मरीज लोगों के बीच बिना किसी हिचक के घूम रहे हैं। जबकि अन्य 20 मरीजों को कुछ नहीं दिया गया। इसमें रोग को लेकर मानसिक परेशानी देखी गई। उन्होंने कहा कि इसे लगाने के बाद पूरे दिन दाग नहीं दिखाई देता। इसे खास माध्यम से हटाया जा सकता है।
अपने आप हो सकता है ठीक