पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में सड़क हादसों में मौत दर कम करने और जीवन बचाने के लिए प्राथमिक कीमती समय (गोल्डन ऑवर) के दौरान इलाज मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है और हाल ही में शुरू की गई “फरिश्ते योजना”, “सड़क सुरक्षा फोर्स” का गठन और स्वास्थ्य विभाग को नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराना इस दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं।
यहां मगसीपा में सड़क सुरक्षा संबंधी लीड एजेंसी “पंजाब सड़क सुरक्षा परिषद” द्वारा आयोजित एक दिवसीय वर्कशाप “पंजाब में सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए आपातकालीन देखभाल और योजनाएं” को संबोधित करते हुए उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब सरकार 2025 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों की दर 50% तक कम करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सभी ज़िला अधिकारियों से पीड़ितों की जान बचाने के कार्य को मिशन के रूप में अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि किसी ज़रूरतमंद पीड़ित या मृत व्यक्ति के वारिसों को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान की जाने वाली राशि मिल जाती है तो संबंधित पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपना जीवन यापन कर सकता है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा फोर्स के गठन के बाद राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में मौत दर 45% कम हुई है। फरिश्ते योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने राज्यवासियों से अधिक से अधिक संख्या में आगे आकर लोगों की जान बचाने का आह्वान किया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि फरिश्ते योजना के तहत 500 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जहां सड़क हादसों के पीड़ितों का पूरा इलाज मुफ्त किया जाता है। उन्होंने सभी ज़िला अधिकारियों से इस योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। सड़क सुरक्षा नियमों को अपने घर से लागू करने की वकालत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वह सभी सरकारी वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा किट सुनिश्चित करें।
उन्होंने पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा कौंसिल के डायरैक्टर जनरल और पंजाब ट्रैफिक पुलिस के एडीजीपी को राज्य में सड़क हादसों में वाहनों के ज़रिए, हिट एंड रन मामलों में और आवारा पशुओं के कारण होने वाली मौतों का अलग-अलग डेटा इकट्ठा करने के लिए कहा ताकि उस अध्ययन के आधार पर अगली रणनीति तैयार कर मौत दर को कम किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने सड़क सुरक्षा बल के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कोलकाता में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले को शर्मनाक और दिल दहलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार सभी डॉक्टरों, विशेष रूप से महिला स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा।
इस दौरान परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा संबंधित उठाए गए कदमों जैसे फरिश्ते योजना को लागू करना, सड़क सुरक्षा बल का गठन, एम्बुलेंस और पेट्रोलिंग के लिए हाईटेक वाहनों की उपलब्धता के बाद अब “गोल्डन ऑवर” से आगे “प्लैटिनम टाइम्स” की बात की जानी चाहिए।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारी ज़मीनी स्तर पर पेश आने वाली कठिनाइयों की जानकारी निरंतर वरिष्ठ अधिकारियों को देते रहें ताकि उन्हें आवश्यक उपकरण और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।
उन्होंने कहा कि विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि सड़क हादसों में ज़्यादातर युवा अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर सख्ती की जाए ताकि सड़क हादसों से लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि हम मिलकर प्रयास करें तो सैकड़ों जानें बचाई जा सकती हैं।
अपने संबोधन में लीड एजेंसी के डायरैक्टर जनरल श्री आर. वेंकट रत्नम ने कहा कि आपातकालीन देखभाल, एम्बुलेंस सिस्टम और ट्रॉमा केयर को सुधारने से सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 30% तक कम किया जा सकता है। उन्होंने ज़िला अधिकारियों से पीड़ितों की जान बचाने वाले व्यक्तियों से संबंधित केस, सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी “पंजाब सड़क सुरक्षा कौंसिल” को भेजने का आग्रह किया ताकि उन्हें सरकार द्वारा उचित सम्मान दिया जा सके।
एडीजीपी (ट्रैफिक) श्री ए.एस. राय और पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉरपोरेशन के एमडी श्री वरिंदर शर्मा ने पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को इस दिशा में गंभीरता से कार्य करने के लिए कहा।
वर्कशाप के दौरान पीजीआई के डॉक्टरों की टीम द्वारा “आपातकालीन देखभाल के आवश्यक बिंदुओं”, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा “पंजाब में फरिश्ते योजना का कार्यान्वयन”, पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण की अतिरिक्त सदस्य सचिव श्रीमती स्मृति धीर द्वारा “हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट योजना के मुआवज़े का कार्यान्वयन” और श्रीमती मधुलिका भास्कर, डिप्टी सेक्रेटरी, जनरल इंश्योरेंस काउंसिल, मुंबई द्वारा “हिट एंड रन योजना के तहत मुआवज़े के हस्तांतरण” जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के दौरान सड़क नियमों के बारे में जानकारी देते हुए पोस्टर जारी किए गए और प्रतिभागियों को प्राथमिक चिकित्सा किट और पोस्टर वितरित किए गए।
इस अवसर पर अतिरिक्त राज्य परिवहन कमिश्नर श्रीमती हरजोत कौर, ज़िला प्रशासनिक अधिकारी, एसडीएम, ज़िला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव, ज़िला ट्रैफिक पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, परिवहन अधिकारी, ज़िला रेड क्रॉस सोसायटियों के सचिव, सड़क सुरक्षा बल के हाइवे पेट्रोलिंग वाहनों के इंचार्ज और सड़क सुरक्षा पर काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।