मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्षेत्र में शांति और सौहार्द भावना बनाए रखने के लिए जारी अभियान के दौरान पंजाब पुलिस ने आज केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा ऑपरेशन में चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के साथ इस केस को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है। उल्लेखनीय है कि धमाके की इस घटना को आई.एस.आई. की सहायता प्राप्त बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बी.के.आई.) से संबंधित पाकिस्तान आधारित आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका आधारित गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासीया के निर्देश पर अंजाम दिया गया था।
डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमृतसर के गांव पासीया के निवासी रोहन मसीह के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने आरोपी के कब्जे से अत्याधुनिक 9 एम.एम.गलाक पिस्टल और गोली-छर्रे भी बरामद किए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि बुधवार शाम चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हैंड ग्रेनेड फेंका गया था और चंडीगढ़ पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घटना स्थल की जांच की, जिसमें खुलासा हुआ कि दो व्यक्ति ऑटो-रिक्शा में आए थे और उनमें से एक व्यक्ति ने वहां एक घर में हैंड ग्रेनेड फेंका।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच के अनुसार उक्त घटना में इस्तेमाल किया गया हैंड ग्रेनेड मिलिटरी ग्रेड का है जो आई.एस.आई. की मदद से ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से पहुंचाया गया था। पुलिस ने दूसरे आरोपी की भी पहचान कर ली है और उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस को पूरा सहयोग प्रदान कर रही है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी रोहन, जो पिछले कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहा था, उसी गांव का होने के कारण हैप्पी पासीया को जानता था। हैप्पी पासीया ने वित्तीय सहायता देने का वादा कर रोहन को हमला करने के लिए कहा था।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी रोहन ने ग्रेनेड धमाके में शामिल होने की बात स्वीकार की और खुलासा किया कि उसने हैप्पी पासीया के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया और हैप्पी पासीया ने उसे अपने साथियों के माध्यम से हैंड ग्रेनेड और हथियार मुहैया कराए। रोहन ने बताया कि हैप्पी पासीया ने उनके लिए पैसे और लॉजिस्टिक्स का प्रबंध भी किया था।
उन्होंने कहा कि इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से आगे की जांच की जा रही है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए ए.आई.जी. स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) अमृतसर सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी रोहन और उसका साथी पहले अमृतसर गए और फिर दोनों अलग अलग हो गए। रोहन शुरू में खन्ना में अपने जान-पहचान वाले किसी व्यक्ति के पास गया था लेकिन फिर अमृतसर वापस आ गया क्योंकि उसने आगे जम्मू-कश्मीर जाने की योजना बनाई थी, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ए.आई.जी. ने कहा कि पहले नजर में यह प्रतीत होता है कि यह आतंकवादी मॉड्यूल किसी खास व्यक्ति को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था क्योंकि इस समूह ने पिछले साल भी उसी स्थान पर इस प्रकार के हमले की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि उस समय पंजाब पुलिस ने इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल करते हुए दो गुर्गों को गिरफ्तार किया था, जिनकी पहचान बिक्रमजीत सिंह उर्फ राजा निवासी बटाला और बावा सिंह मजीठा के रूप में हुई थी।