Friday, December 27, 2024
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पंजाब की पहली कृषि नीति का ड्राफ्ट जारी: 15 डार्क जोन में धान की बुआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश

पंजाब राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष व कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुखपाल सिंह ने प्रदेश में 15 डार्क जोन में धान की बुआई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि ये वो डार्क जोन हैं जहां भू-जलस्तर 400 से 500 फीट तक नीचे जा चुका है।

पंजाब सरकार ने प्रदेश की पहली कृषि नीति-2023 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस पर प्रदेश के किसान जत्थेबंदियों से जोकि स्टेकहोल्डर हैं, उनसे सुझाव मांगे गए हैं। ड्राफ्ट जारी करने के साथ ही खेती में बदलाव और सुधार के लिए कुछ सिफारिशें भी की गई हैं।

पंजाब राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष व कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुखपाल सिंह ने प्रदेश में 15 डार्क जोन में धान की बुआई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि ये वो डार्क जोन हैं जहां भू-जलस्तर 400 से 500 फीट तक नीचे जा चुका है। धान की बुआई के कारण यहां बड़े स्तर पर जल संकट के साथ ही खराब पैदावार से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इससे बेहतर है कि इन जोन में किसानों को दूसरी फसलों की तरफ जाना चाहिए।

साथ ही कहा है कि कृषि क्षेत्र में सब्सिडी के रूप में खर्च हो रही बिजली सब्सिडी को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। दरअसल प्रदेश में 14 लाख कृषि पंपसेट हैं जोकि नि:शुल्क बिजली प्राप्त कर रहे हैं। इन्हें सालाना दी जाने वाली 10 हजार करोड़ की बिजली सब्सिडी को खत्म करने की ओर इशारा किया गया है। इसके अलावा पंचायती जमीन पर धान की खेती न करने को भी कहा गया है। साथ ही कहा है कि ज्यादा पानी वाली फसलों के अलावा वैकल्पिक फसलें बोई जानी चाहिए और सभी पर एमएसपी दिया जाना चाहिए।

एमएसपी और वास्तविक मूल्य के अंतर के लिए एक हजार करोड़ का विशेष कोष

नीति के तहत राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह केंद्र से संपर्क करे और सुनिश्चित करे कि किसानों को न केवल एमएसपी बल्कि उचित मूल्य भी दिया जाए। अगर फसलों पर एमएसपी नहीं है तो एमएसपी और वास्तविक मूल्य के बीच के वित्तीय अंतर को भरने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का एक कोष बनाया जाना चाहिए। किसानों और खेत मजदूरों की आय बढ़ाई जानी चाहिए।

जीरकपुर और मोहाली मार्केट हब के रूप में विकसित होगा

चंडीगढ़-जयपुर कॉरिडोर को कांडला बंदरगाह से जोड़ने के उद्देश्य से जीरकपुर और मोहाली को पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों के फलों और सब्जियों के विपणन के लिए मार्केट हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

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