पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य की अमन-शांति, तरक्की और खुशहाली की दुश्मन ताकतें उनके खिलाफ बेबुनियाद अफवाहें फैला रही हैं ताकि राज्य के विकास को बाधित किया जा सके।
आज यहां राज्य के 30 आम आदमी क्लीनिकों का समर्पण करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों की भलाई और राज्य के विकास के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक नेताओं को यह पच नहीं रहा है। इसी वजह से वे बार-बार उनके खिलाफ जहर उगल रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे घटिया हथकंडे उन्हें लोगों की सेवा करने से नहीं रोक सकते और वे राज्य के विकास के इस नेक कार्य में पूरे समर्पण के साथ जुटे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में रहने वाले पिछले राजनीतिक नेताओं ने कभी भी राज्य या यहां के लोगों की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि इन अहंकारी नेताओं ने हमेशा राज्य के लिए काम करने के बजाय अपने व्यक्तिगत लाभ और परिवारवाद को प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का यह रवैया पंजाब और इसके लोगों के लिए घातक साबित हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा, “परंपरागत पार्टियां मुझसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि मैं एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता हूं। ये नेता सत्ता में बने रहने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते थे, इसलिए इन्हें यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि आम आदमी सरकार इतनी बेहतर ढंग से कैसे चला रहा है। इन राजनीतिज्ञों ने लंबे समय तक लोगों को मूर्ख बनाया, लेकिन अब लोग इनके गुमराह करने वाले प्रचार में नहीं आएंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग कर धन-संपत्ति इकट्ठी की और बड़े-बड़े महल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इन महलों की दीवारें ऊंची हैं और दरवाजे आम लोगों के लिए बंद रहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता लोगों की पहुंच से दूर रहे, इसलिए लोगों ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बागडोर संभालने के बावजूद पूर्व उपमुख्यमंत्री राज्य की भौगोलिक स्थिति से अनजान हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “सब कुछ छोड़ो, सुखबीर तो कद्दू और लौकी में फर्क भी नहीं बता सकता।” भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे नेता कई सालों तक लोगों को बेवकूफ बनाते रहे, लेकिन अब आम लोगों ने अपनी सरकार को वोट देकर सत्ता में लाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जन-हितैषी नीतियों के कारण राज्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पारदर्शी तरीके से 44,000 से अधिक युवाओं को नौकरियां दी हैं, जिससे विदेश गए युवा नौकरी के लिए वापस आ रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस बार राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के दाखिलों में भारी वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 1080 करोड़ रुपए की लागत से निजी कंपनी जीवीके पावर के स्वामित्व वाले गोइंदवाल पावर प्लांट को खरीदकर सफलता की एक नई कहानी लिखी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब को आवंटित पचवाड़ा कोयला खदान से कोयले का उपयोग केवल सरकारी पावर प्लांट्स के लिए ही किया जा सकता है। इसलिए, इस पावर प्लांट की खरीद के साथ, इस कोयले का उपयोग राज्य के हर क्षेत्र में बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि पंजाब सरकार के जनहितैषी फैसलों के कारण राज्य के 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने मौजूदा धान के मौसम के दौरान किसानों को सिंचाई के लिए नहर का पानी उपलब्ध कराने का क्रांतिकारी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य भूजल के घटते स्तर को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि किसान इस मौसम में नहर के पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भूजल को बचाना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने पदभार संभाला था, उस समय केवल 21 प्रतिशत नहर का पानी ही इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व और संतोष की बात है कि आज 72 प्रतिशत नहर का पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि नई कंडी नहर बनाई जा रही है, जिससे 11,000 एकड़ भूमि को लाभ होगा और धार कलां में 206 मेगावाट का बांध स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य और इसके लोगों की भलाई के लिए अनुकरणीय पहल की हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उनकी सरकार ने राज्य में मालवा नहर के निर्माण का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड पर है कि इससे पहले किसी भी राज्य सरकार ने इस आवश्यकता पर ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि लगभग 150 किलोमीटर लंबी यह नई नहर राज्य, खासकर मालवा क्षेत्र में, विकास और समृद्धि का एक नया युग शुरू करेगी, और राज्य सरकार इस अनूठी परियोजना पर लगभग 2300 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिससे लगभग 2 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जरूरतें पूरी होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोगों को अपना काम कराने के लिए चंडीगढ़ के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं क्योंकि सरकार खुद ‘सरकार तुहाडे दुआर’ कार्यक्रम के माध्यम से उनकी शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल लोगों की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिल रही है, बल्कि राज्य सरकार की नीतियों पर जमीनी स्तर की प्रतिक्रिया प्राप्त करने का एक उपयुक्त मंच भी साबित हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाले दिनों में जनहित में और भी जनोन्मुखी पहल की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पंचायती चुनाव जल्द ही होंगे और उम्मीदवार बिना पार्टी चुनाव चिन्ह के चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इससे गांवों में गुटबंदी समाप्त होगी और ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों को पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने से रोकने का बड़ा निर्णय लिया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो भी गांव सर्वसम्मति से पंचायत का चुनाव करेगा, उसे स्टेडियम, स्कूल या अस्पताल सहित 5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करना चाहती है, जिसके लिए सूझ-बूझ वाले और ईमानदार लोगों का चुना जाना आवश्यक है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे और लोगों को इसका लाभ मिलेगा।