गोपाल राय ने बताया कि सर्दियों में प्रदूषण स्तर नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार आज से ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान शुरू कर रही है। इस साल अभियान का थीम होगा, “मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें”।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सरकार ने विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है। सरकार ने एक बार फिर से राजधानी में ऑड-ईवन लागू करने के संकेत दिए हैं। सरकार 1 से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की भी तैयारी कर रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, ‘एनसीआर के राज्यों में बढ़ने वाले प्रदूषण स्तर का प्रभाव दिल्ली पर पड़ता है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्र सरकार की भी जरूरत हमें पड़ती है। उन्होंने आगे कहा कि जब सभी एजेंसियां और सरकारें मिलकर काम करेंगी, तभी प्रभावी तरीके से प्रदूषण से लड़ा जा सकता है। इसीलिए हमारी सरकार ‘मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें’ थीम पर चलकर हमारी सरकार विंटर एक्शन प्लान पर काम करेगी। हमारे सामूहिक प्रयासों का परिणाम है कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है।
गोपाल राय ने बताया कि सर्दियों में प्रदूषण स्तर नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार आज से ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान शुरू कर रही है। इस साल अभियान का थीम होगा, “मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें”। उन्होंने कहा कि 2016 की तुलना में अभी 34.6 फ़ीसदी प्रदूषण स्तर में कमी आई है। इसमें जानता की सहभागिता का अहम रोल है।
दिल्ली में 7 अक्तूबर से धूल विरोधी अभियान शुरू
गोपाल राय ने बताया, ‘इस बार हमने 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान बनाया है जिसके आधार पर हम काम करना शुरू करेंगे। दिल्ली में पहली बार हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी कराने का फैसला लिया गया है। इससे प्रदूषण के कारण का वास्तविक समय में पता लगाया जा सकेगा। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में 7 अक्तूबर से धूल विरोधी अभियान शुरू होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ऑड-ईवन की तैयारी कर रही है। यह प्लान केवल इमरजेंसी उपाय के रूप में लागू किया जाएगा। अगर दिल्ली में एक्यूआई का स्तर 450 से अधिक होता है तो ऑड-ईवन लागू किया जा सकता है।
85 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही
गोपाल राय ने कहा कि प्राइवेट और सरकारी सभी एजेंसियों के पास 7 अक्टूबर तक का समय है। अगर वे तब तक मापदंडों पर खरे नहीं उतरे तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 500 मीटर से अधिक के सभी निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। 85 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही हैं, 500 पानी छिड़कने वाली मशीनें भी इस्तेमाल की जा रही हैं। इस बार 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लॉन्च की जाएंगी। इस बार फैसला लिया गया है कि नवंबर-दिसंबर में पानी का छिड़काव 3 गुना बढ़ाया जाएगा ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके।