Saturday, December 28, 2024
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किसानों के लिए पंजाब सरकार की पहल: पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए नई योजना शुरू, किसानों मिलेगी सब्सिडी

पंजाब में इस बार पराली जलाने के सबसे अधिक 96 मामले जिला अमृतसर से हैं। 26 मामलों के साथ जिला तरनतारन दूसरे नंबर पर, फिरोजपुर में 12 व गुरदासपुर में 11 मामले दर्ज किए गए हैं।

पंजाब में पराली बड़ा मुद्दा है। वहीं इन दिनों प्रदेश में पराली जलाने की 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में पंजाब सरकार की तरफ से पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए नई योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को इस पहल की शुरुआत की है।

राज्य सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए ‘फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना’ शुरू की है। इसके तहत किसानों को मशीनें मुहैया कराने के लिए 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। राज्य सरकारी व सहकारी बैंकों से परली प्रबंधन के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी पर लोन मिलेगा। लोन चुकाने की अवधि 5 वर्ष होगी और इसे 10 अर्धवार्षिक किस्तों में भी चुकाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों से इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की है। 
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर नई योजना के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि हमारी सरकार पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को पराली निपटान के लिए 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए सहकारी बैंकों द्वारा पूरे पंजाब में ‘फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना’ शुरू की गई है। सभी किसान इस लाभकारी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
पराली जलाने वालों पर एक्शन
पंजाब में पराली जलाने की रोकथाम के लिए सरकार लगातार एक्शन में है। पराली जलाने वाले 50 किसानों की एंट्री की संख्या की गई हैं। वहीं 65 किसानों पर 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें से 1 लाख 70 हजार रुपये की रिकवरी भी कर ली गई है। यही नहीं सेक्शन 223 के अधीन छह किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। सरकार के इसी एक्शन का नतीजा है कि बीते कुछ दिनों में पराली की घटनाओं में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसके चलते अब बीते दो सालों की तुलना में इस बार पराली जलाने की घटनाओं में करीब 73 फीसदी की कमी आ गई है। शनिवार को भी पंजाब में पराली जलाने के केवल पांच मामले हुए। जिनमें से दो जिला अमृतसर से रहे, वहीं फाजिल्का व फिरोजपुर से 1-1 और एक मामला मोगा से सामने आया है। पिछले साल 5 अक्तूबर को पराली जलाने के 98 मामले और साल 2022 में 130 मामले आए थे। अगर पराली जलाने के कुल मामले देखें, तो 15 सितंबर से लेकर अब तक पंजाब में पराली जलाने के 193 मामले हो गए हैं। साल 2023 में इस समय अवधि में रिकॉर्ड तोड़ 754 मामले हो गए थे। साल 2022 में 545 मामले हुए थे।

अमृतसर में सबसे ज्यादा मामले
इस बार सबसे अधिक 96 मामले जिला अमृतसर से हैं। 26 मामलों के साथ जिला तरनतारन दूसरे नंबर पर, फिरोजपुर में 12 व गुरदासपुर में 11 मामले, कपूरथला में 16 मामले, संगरूर में छह, एसएएस नगर में पांच, मालेरकोटला, मालेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब व एसबीएस नगर में 1-1, पटियाला में तीन, फाजिल्का में दो, मोगा में 1, जालंधर में 9, लुधियाना में 2 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को जालंधर का एक्यूआई 103, खन्ना का 102, लुधियाना का 108, मंडी गोबिंदगढ़ का 104, पटियाला का 120 दर्ज किया गया।

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