पंजाब में इस बार पराली जलाने के सबसे अधिक 96 मामले जिला अमृतसर से हैं। 26 मामलों के साथ जिला तरनतारन दूसरे नंबर पर, फिरोजपुर में 12 व गुरदासपुर में 11 मामले दर्ज किए गए हैं।
पंजाब में पराली जलाने की रोकथाम के लिए सरकार लगातार एक्शन में है। पराली जलाने वाले 50 किसानों की एंट्री की संख्या की गई हैं। वहीं 65 किसानों पर 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें से 1 लाख 70 हजार रुपये की रिकवरी भी कर ली गई है। यही नहीं सेक्शन 223 के अधीन छह किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। सरकार के इसी एक्शन का नतीजा है कि बीते कुछ दिनों में पराली की घटनाओं में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसके चलते अब बीते दो सालों की तुलना में इस बार पराली जलाने की घटनाओं में करीब 73 फीसदी की कमी आ गई है। शनिवार को भी पंजाब में पराली जलाने के केवल पांच मामले हुए। जिनमें से दो जिला अमृतसर से रहे, वहीं फाजिल्का व फिरोजपुर से 1-1 और एक मामला मोगा से सामने आया है। पिछले साल 5 अक्तूबर को पराली जलाने के 98 मामले और साल 2022 में 130 मामले आए थे। अगर पराली जलाने के कुल मामले देखें, तो 15 सितंबर से लेकर अब तक पंजाब में पराली जलाने के 193 मामले हो गए हैं। साल 2023 में इस समय अवधि में रिकॉर्ड तोड़ 754 मामले हो गए थे। साल 2022 में 545 मामले हुए थे।
अमृतसर में सबसे ज्यादा मामले
इस बार सबसे अधिक 96 मामले जिला अमृतसर से हैं। 26 मामलों के साथ जिला तरनतारन दूसरे नंबर पर, फिरोजपुर में 12 व गुरदासपुर में 11 मामले, कपूरथला में 16 मामले, संगरूर में छह, एसएएस नगर में पांच, मालेरकोटला, मालेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब व एसबीएस नगर में 1-1, पटियाला में तीन, फाजिल्का में दो, मोगा में 1, जालंधर में 9, लुधियाना में 2 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को जालंधर का एक्यूआई 103, खन्ना का 102, लुधियाना का 108, मंडी गोबिंदगढ़ का 104, पटियाला का 120 दर्ज किया गया।