दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर ट्रैफिक जाम से थम गया। धनतेस के बाद छोटी दिवाली के दिन घर जाने के लिए लोगों की भीड़ निकली। इसके चलते सड़कों पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला। दिल्ली से लेकर एनसीआर में आने वाले शहरों तक यहीं हाल दिखा। देर रात तक लोग जाम से जूझते रहे।
दिवाली और छठ पर्व पर घर जाने के लिए बस अड्डों पर उमड़ी रही यात्रियों की भीड़ के सामने प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। दिल्ली के तीनों प्रमुख आईएसबीटी कश्मीरी गेट, सराय काले खां और आनंद विहार पर यात्रियाें की भीड़ सामान्य दिनों से कहीं अधिक रही। देर रात तक लोग जाम से जूझते रहे।
खासतौर पर आनंद विहार बस अड्डे पर सबसे ज्यादा अव्यवस्था है। स्थिति यह है कि यात्री अपने सामान को सिर पर रखकर बस पकड़ने की जद्दोजहद में जुटे हैं। बस अड्डों पर भीड़ बीते एक सप्ताह से अधिक है। अधिकारियों का कहना है कि दिवाली और छठ तक भीड़ रहेगी। हालांकि अधिक भीड़ और अव्यवस्था न हो, इसके लिए प्रशासन ने इंतजाम भी किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बस अड्डों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। टेंट आदि भी लगाए गए हैं। वहीं कश्मीरी गेट और सराय काले खां बस अड्डों पर स्थिति सामान्य है। यहां पर आनंद विहार जैसी स्थिति नहीं है। हालांकि, यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से अधिक है। ऐसे में यहां पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। अधिकारियों ने बताया कि दिवाली और छठ पर अधिकतर लोग यूपी और बिहार जाते हैं। ऐसे में आनंद विहार बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ अधिक है।
खड़े होकर सफर करने को तैयार
यात्रियों की अपेक्षा बसों में सीट की संख्या कम पड़ रही है। ऐसे में यात्रियों को बस में सीट नहीं मिल रही तो वह खड़े होकर सफर करने काे तैयार हैं। आईएसबीटी आनंद विहार में बीते सप्ताह से यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यहां से अधिकतर बसों का आवागमन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के लिए होता है। आनंद विहार आईएसबीटी के साथ ही रेलवे स्टेशन और सामने कौशांबी बस अड्डा भी है। ऐसे में दिल्ली के रहने वाले लोग आनंद विहार आईएसबीटी के साथ ही कौशांबी बस अड्डे से भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को जाने वाली बसों से यात्रा करते हैं।
नहीं मिला ट्रेन टिकट तो निजी बस का लिया सहारा
बसों में यात्रा करने वाले अधिकतर लोगों को ट्रेन टिकट नहीं मिल पाया तब उन्होंने बस का सहारा लिया। लेकिन सरकारी बसों में सीट नहीं मिलने पर परेशानियों का सामना करना पड़ा। परिवार सहित गोरखपुर जा रहे सुधांशु विश्वकर्मा ने बताया कि ट्रेन टिकट कंफर्म नहीं होने पर सरकारी बस से गोरखपुर जाने लगे लेकिन उसमें सीट नहीं मिली।
इसके निजी बस से जाने का विचार बनाया। लेकिन उसमें प्रति व्यक्ति का किराया कई गुना बढ़ा कर ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि घर पहुंचकर अपनों के बीच त्योहार मनाने का उत्साह किसी भी तरह घर पहुंचने की जद्दोजहद में बदल गया है। त्योहारों के मौसम में बुधवार को दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर लगभग वाहन रेंगते हुए दिखे।