पंजाब विधानसभा के स्पीकर स कुलतार सिंह संधवां ने पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित शाब्दिक गलतियों वाले ‘गुरुशब्द रत्नाकर महान कोश’ के पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी संस्करणों को तुरंत नष्ट करने के लिए कार्रवाई करने की सिफारिश की ।
स संधवां ने पंजाब विधानसभा सचिवालय में विभिन्न सिख संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद कहा कि पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों को नष्ट करने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कार्य संबंधित समिति की सिफारिशों के अनुसार ही किया जाना चाहिए।
स्पीकर ने उच्च शिक्षा विभाग को तीन हफ्तों के भीतर इस मामले पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि गुरबाणी की सर्वोच्चता बनाए रखने और आने वाली पीढ़ियों को किसी भ्रम से बचाने के लिए यह कदम बेहद ज़रूरी हो गया है।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. प्यारे लाल गर्ग, केंद्रीय सिख सभा के महासचिव डॉ. खुशहाल सिंह, ज्ञान प्रकाश ट्रस्ट लुधियाना के प्रतिनिधि स सलोचन बीर सिंह, स अमरजीत सिंह धवन, स रजिंदर सिंह खालसा, स बलबीर सिंह, सिख मिशनरी कॉलेज के डायरेक्टर स परमजीत सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर श्री संयम अग्रवाल, और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पंजाबी भाषा विकास विभाग की प्रमुख श्रीमती परमिंदरजीत कौर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।