संगठित अपराध के खात्मे के लिए जारी अभियान के दौरान, पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने एसएएस नगर पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन में कनाडा आधारित आतंकवादी अर्श डल्ला और एक अन्य विदेशी हैंडलर के चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से .32 बोर की तीन पिस्तौल और 16 कारतूस बरामद किए गए। यह जानकारी आज डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान गगनदीप सिंह और नवजोत सिंह उर्फ नीशू (अमलोह, फतेहगढ़ साहिब निवासी), जो वर्तमान में खरड़ में किराए के मकान में रह रहे थे; लखविंदर सिंह (भादसों, पटियाला निवासी) और विपनप्रीत सिंह (फरीदकोट निवासी) के रूप में हुई है। गिरफ्तार आरोपियों से हथियार और गोला-बारूद के अलावा, पुलिस ने उनकी सफेद रंग की स्विफ्ट कार भी जब्त की है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों ने अपने विदेशी हैंडलर दलजीत सिंह उर्फ निंदा के निर्देशों पर 1 और 2 दिसंबर की मध्यरात्रि को मोहाली के फेज-11 स्थित कार एक्सेसरीज़ के शोरूम के मालिक को धमकाने और पैसे वसूलने के इरादे से शोरूम पर फायरिंग की। दलजीत सिंह उर्फ निंदा का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है, जो फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अमेरिका भाग गया था और वहां एक चरमपंथी गैंगस्टर के साथ जुड़ गया।
डीजीपी ने कहा कि यह मॉड्यूल चरमपंथी अर्श डल्ला से जुड़ा हुआ था और उसके इशारे पर पंजाब में अन्य अपराधों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपियों का लंबा आपराधिक इतिहास है, जिनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इस मॉड्यूल में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है।
ऑपरेशन का विवरण साझा करते हुए एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान ने कहा कि मोहाली में कार एक्सेसरीज़ के शोरूम पर फायरिंग की घटना के बाद इस केस को सुलझाने के लिए एआईजी गुरमीत चौहान और एआईजी संदीप गोयल की निगरानी में तथा एसएसपी एसएएस नगर दीपक पारीक के तालमेल से एजीटीएफ की विशेष टीमें गठित की गईं।
उन्होंने बताया कि टीमों ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जानकारी और सबूत इकट्ठा किए, जिससे अपराध में शामिल दो शूटरों समेत आरोपियों की पहचान हुई। तेज़ कार्रवाई करते हुए एजीटीएफ की टीमों ने आरोपियों को तब ट्रेस किया जब वे अपनी स्विफ्ट कार में यात्रा कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने मोहाली के पास फोकल प्वाइंट से आरोपियों को अपराध में इस्तेमाल हथियारों समेत गिरफ्तार कर लिया।
एडीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी गगनदीप और नवजोत उर्फ नीशू ने कार एक्सेसरीज़ के शोरूम पर फायरिंग की, जबकि आरोपी लखविंदर ने उन्हें लॉजिस्टिक सहायता दी। वहीं, आरोपी विपनप्रीत ने अर्श डल्ला के कहने पर उन्हें हथियार उपलब्ध कराए।
एसएसपी दीपक पारीक ने कहा कि आरोपी गगनदीप अमलोह थाने में दर्ज डकैती के एक मामले में भी वांछित था, जबकि आरोपी विपनप्रीत मार्च 2024 में जालंधर में एक गायक पर फायरिंग और जनवरी 2024 में फरीदकोट में फायरिंग की घटना में शामिल था।
इस संबंध में पुलिस थाना स्टेट क्राइम, एसएएस नगर में भारतीय दंड संहिता की धारा 111 और 3(5) तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25(6)(7) के तहत एफआईआर नंबर 40, दिनांक 15/12/2024 दर्ज की गई है।