आरोपियों से चोरी की चार करोड़ रुपये की 10 महंगी कार बरामद की गई हैं। साथ ही फर्जी आरसी, रिमोट चाबियां और वाहन खोलने और नई चाबी बनाने का तकनीकी उपकरण बरामद किया गया है। चोर एक सॉफ्टवेयर की मदद से चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह काे पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना हरियाणा के झज्जर निवासी केवन सिंह उर्फ लाला, रिसीवर पंजाब के लुधियाना निवासी राजेश कक्कड़ उर्फ राजा, यूपी के मुरादाबाद निवासी रियाज़ुद्दीन उर्फ रुद्रा और हरियाणा के करनाल निवासी सोनू सुगद शामिल हैं।
आरोपियों से चोरी की चार करोड़ रुपये की 10 महंगी कार बरामद की गई हैं। साथ ही फर्जी आरसी, रिमोट चाबियां और वाहन खोलने और नई चाबी बनाने का तकनीकी उपकरण बरामद किया गया है। चोर एक सॉफ्टवेयर की मदद से चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
कार की तलाशी के दौरान उसमें फर्जी आर/सी, एक टैबलेट, ड्रिल मशीन, दो स्क्रू ड्राइवर, एक टार्च, एक कटर प्लायर, हथौड़े, लोहे की राड, वायर कटर समेत कई उपकरण मिले। जांच में पता चला कि केवल सिंह वाहन चोरी के 11 मामलों में, सोनू 22 और रियाजुद्दीन तीन मामलों में शामिल रहा है। केवल सिंह और रियाजुद्दीन हरियाणा के पंचकूला में पुलिस मुठभेड़ के एक मामले में फरार चल रहे थे। जांच के दौरान रियाजुद्दीन की निशानदेही पर एक चोरी की हुंडई क्रेटा और सोनू की निशानदेही पर एक चोरी की मारुति ब्रेजा कार बरामद की गई।
वहीं केवल सिंह की निशानदेही पर दो कारें बरामद की गईं। केवल सिंह से पूछताछ के बाद पंजाब के लुधियाना निवासी राजेश कक्कड़ को लुधियाना से गिरफ्तार किया गया। राजेश केवल सिंह से चोरी की कार खरीदता था।
गुजरात, हरियाणा और पंजाब में बेचते थे चोरी की कार
पूछताछ में आरोपियों से पता चला कि वह चोरी की कार गुजरात, हरियाणा और पंजाब में बेचते थे। वह क्रेटा, फार्च्यूनर, वर्ना और ब्रेजा जैसी कारों को चोरी करते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरोह द्वारा बीते चार माह में 100 से अधिक कारों की चोरी की गई है। आरोपी आन बोर्ड डायग्नोस्टिक के माध्यम से कार चोरी करते थे। महंगी कारों में एक आन-बोर्ड डायग्नोस्टिक पोर्ट होता है। यह तकनीक वाहन के मुख्य फ्रेम तक पहुंचने और वाहनों के इंजन और अन्य प्रणालियों में त्रुटियों की जांच करने के लिए होता है। रियाजुद्दीन और सोनू कार मैकेनिक रहे हैं। वह वाहनों के बारे में जानकारी रखते हैं। ऐसे में चाइनीज स्कैनर एक्स-टूल (लैंसडोर) के माध्यम से इन कारों की चाबी बना लेते थे।