Wednesday, January 15, 2025
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Shambhu से फिर Delhi कूच की तैयारी: Sarwan Pandher की अपील-ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर पहुंचे किसान, चार को Mahapanchayat

शंभू बाॅर्डर पर डटे किसानों ने फिर दिल्ली कूच की तैयारी कर ली है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने अपील की है कि किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर बड़ी संख्या में शंभू बाॅर्डर पर पहुंचना शुरू करें। जल्द ही दिल्ली कूच के लिए तारीख का एलान किया जाएगा। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी का निमंत्रण ठुकरा दिया है।

पंधेर ने बताया कि 6 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। बॉर्डर के नजदीक पड़ते गांवों के लोगों के साथ-साथ किसानों को भी ज्यादा से ज्यादा गिनती में इस धार्मिक समागम में शिरकत करने की अपील की गई है। पंधेर ने बताया कि बैठक में दोनों मोर्चों के फैसले के मुताबिक सरकार से विधानसभा सत्र में मंडियों के निजीकरण की केंद्र की नीति को रद्द करने संबंधी प्रस्ताव लाने की मांग की गई है। सरकार किसानों की 12 मांगों के समर्थन में भी प्रस्ताव पास करे।

किसानों ने नहीं मनाया नए साल का जश्न

पंधेर ने आगे कहा कि जहां पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही है, वहीं किसान अपने परिवारों से दूर कड़ाके की ठंड में बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। किसानों के लिए कोई नया साल नहीं है। जब उनके नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं और उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। केंद्र सरकार लगातार मांग के बावजूद मांगों को लेकर बातचीत करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ा रही है। इस अवसर पर किसान नेता जसविंदर सिंह लोंगोवाल, तेजबीर सिंह पंझोखरा साहब, मलकियत सिंह गुलामीवाला, बीबी सुखविंदर कौर, जंग सिंह भटेड़ी, गुरध्यान सिंह भटेड़ी, मनजीत सिंह राय, दिलबाग सिंह गिल, बलवंत सिंह बहरामके, सतनाम सिंह, सुखचैन सिंह हरियाणा, बलकार सिंह बैस आदि मौजूद रहे।

खनौरी में तीन बैठकें बेनतीजा

खनौरी बॉर्डर पर किसानों व पुलिस प्रशासन के बीच बुधवार को तीन बैठकें हुईं, लेकिन कोई नतीजा निकल नहीं पाया। बैठक के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि बैठकें सकारात्मक माहौल में हुई हैं। आंदोलन के विभिन्न पहलुओं को लेकर विचार चर्चा की गई है। प्रशासन की तरफ से कुछ प्रस्ताव भी आए हैं, लेकिन ठोस प्रस्ताव मिलने पर ही किसान संगठन आगे कोई फैसला लेंगे। वहीं, किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि जब तक मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन को जारी रखा जाएगा। देर शाम हुई बैठक में पूर्व एडीजीपी जसकरण सिंह के साथ पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू भी शामिल रहे। पूर्व एडीजीपी जसकरण सिंह ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनशन समाप्त न करने की अपील की गई है। बैठकों का दौर आगे भी जारी रहेगा, उम्मीद है कि जल्द ही कोई हल निकल जाएगा।

डल्लेवाल की हालत नाजुक, बोलने में हो रही परेशानी

अनशन पर चल रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। डाॅक्टरों ने मीडिया बुलेटिन जारी करके बताया है कि उन्हें अब बोलने में भी परेशानी हो रही है। उनके शरीर में काफी कमजोरी आ गई है। बुधवार को उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी एवं धौरहरा से समाजवादी पार्टी के 2 सांसद आनंद भदौरिया एवं उत्कर्ष वर्मा अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ डल्लेवाल से मिलने पहुंचे और पार्टी की तरफ से समर्थन पत्र सौंपा। पंजाबी गायक बब्बू मान भी हालचाल जानने पहुंचे। जजपा के नेता दिग्विजय चौटाला अपना समर्थन देने के लिए खनौरी मोर्चे पर पहुंचे।

महापंचायत में शामिल हो सकते हैं दो लाख से अधिक किसान

4 जनवरी को खनौरी न्नौरी बार्डर पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी के लिए अलग-अलग कमेटियां का गठन किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि महापंचायत में 2 लाख से अधिक किसानों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें डल्लेवाल किसानों के नाम अपना जरूरी संदेश देंगे। इसलिए सभी किसानों को खन्नौरी मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है।

एसकेएम ने सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी का निमंत्रण ठुकराया

सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने तीन जनवरी को किसानों के साथ पंचकूला में बैठक बुलाई है, जहां कमेटी विस्तार से किसानों के मुद्दों पर चर्चा कर रणनीति बनाएगी, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस बैठक से दूरी बना ली है।

एसकेएम ने बुधवार को यह जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी ने एसकेएम को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 3 जनवरी को निर्धारित अपनी बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब के शंभू और खनौरी सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण इस कमेटी का गठन किया था, लेकिन एसकेएम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

न्यायालय का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं एसकेएम के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि एसकेएम सैद्धांतिक रूप से न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता, क्योंकि किसान केंद्र सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं। इस संबंध में एसकेएम सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त हाई पावर कमेटी के चर्चा के लिए दिए गए आमंत्रण को स्वीकार करने में असमर्थता व्यक्त करता है। पहले राजेवाल ने बैठक में जाने की बात कही थी, लेकिन अब वह इससे मुकर गए हैं। राजेवाल ने कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि कमेटी की बैठक का उद्देश्य पंजाब-हरियाणा का बॉर्डर खुलवाना है, लेकिन यह उनकी मांगों से संबंधित नहीं है।

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