Wednesday, January 15, 2025
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BJP state president Satpal Sharma का सरकारी bungalow sealed, इस वजह से की गई कार्रवाई

सरकारी बंगलों पर पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों व नेताओं के कब्जों को खाली करवाने संबंधी याचिका पर संपदा (एस्टेट्स) विभाग ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में बताया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने सरकारी आवास खाली कर दिया है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा का आवास सील कर दिया है।
सतपाल को पिछले वर्ष 21 नवंबर को आवास खाली करने का नोटिस दिया था। बंगले का बकाया किराया 73,470 रुपये भी जमा करवाने का आदेश दिया था। इसपर अमल न होने पर 30 दिसंबर 2024 को उनका सरकारी आवास सील कर दिया।

संपदा विभाग ने दायर की रिपोर्ट

उच्च न्यायालय के निर्देश पर संपदा विभाग ने गुरुवार अनुपालन रिपोर्ट दायर की, जिसमें कोर्ट ने सरकारी बंगलों पर पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, एमलसी व अन्य नेताओं के कब्जे संबंधी जानकारी मांगी थी।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पिछले वर्ष सात नवंबर और 12 दिसंबर को आदेश में सरकार के संपदा विभाग के आयुक्त सचिव को विशेष रूप से निर्देश दिया कि वह कविंद्र गुप्ता, सतपाल शर्मा, पूर्व एमएलसी सुरिंदर अंबरदार और जफर इकबाल के सरकारी बंगलों के संबंध में रिपोर्ट दायर करें।इन नेताओं के नाम 11 दिसंबर को संपदा विभाग की दायर स्थिति रिपोर्ट के पैरा पांच में उल्लेखित थे। खंडपीठ ने निर्देश दिया था कि यदि स्थिति रिपोर्ट दायर नहीं की जाती है, तो संपदा विभाग के आयुक्त सचिव को अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाएगा।

इन लोगों ने खाली कर दिए हैं आवास

जफर और सुरिंदर के आवास खाली करवाने की कार्रवाई शुरू की है। उन्हें 28 दिसंबर को नोटिस जारी किए थे। रिपोर्ट में बताया कि कांग्रेस नेता एसएस चन्नी ने आवास खाली कर दिया है। उन्हें 20 दिसंबर को 14,690 रुपये किराया देने का नोटिस जारी किया था। विधायक अब्बास वानी ने आवास खाली कर दिया है।

12 दिसंबर को 19,586 रुपये किराये के भुगतान करने को कहा। पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर, पूर्व एमएलसी विवोध गुप्ता ने सरकारी आवास खाली कर दिए हैं और उन्हें भी 28,211 और 13,993 रुपये के भुगतान का नोटिस जारी किया था।

अगली सुनवाई 19 फरवरी को

मुख्य न्यायाधीश ताशी रबस्तान और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ ने रजिस्ट्री को शीतकालीन छुट्टियों के बाद 19 फरवरी को तत्काल जनहित याचिका सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।

करीब 38 बंगलों का है मामला

संबंधित याचिका वरिष्ठ वकील शेख शकील की ओर से 2020 में दायर की गई थी। कोर्ट के निर्देश पर संपदा विभाग 38 बंगलों को खाली कराने को लेकर नेताओं को कई बार नोटिस भी जारी कर चुका है।

इन पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायकों में से अधिकतर को वर्ष 2015 से 2018 के बीच भाजपा-पीडीपी की सरकार के समय बंगले अलाट किए गए थे। सरकार गिरने के बाद कइयों से बंगले खाली करवा लिए थे। कई आवास अभी तक इन नेताओं के पास हैं।

 

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