धरने में शामिल होने के लिए 6 जनवरी को हुआ था रवाना
जिला तरनतारन के विधानसभा हलका खेमकरण के गांव पहुविंड निवासी जगतार सिंह के बेटे रेशम सिंह छह जनवरी को अपने गांव से किसानों का जत्था लेकर शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हुए। गुरुवार को उनके बेटे इंद्रजीत सिंह को शंभू बॉर्डर से सूचना मिली कि किसानी आंदोलन से आहत होकर उनके पिता ने सल्फास निगल ली है।
दिल्ली में भी किसान आंदोलन में हुए थे शामिल
नहीं किया जाएगा अंतिम संस्कार
रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर, बेटे इंद्रजीत सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि शंभू व खनौरी बॉर्डर पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 45वें दिन भी जारी रहा।
25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरां ने किसानी आंदोलन दौरान जान गंवाने वाले रेशम सिंह पहुविंड की कुर्बानी भुलाई नहीं जा सकती। किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा, सामूहिक कर्ज माफी, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।