मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा- निर्देशों अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम डिवीज़न ने पंजाब से ग़ैर- कानूनी ढंग से लोगों को कम्बोडिया और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में भेजने वाले दो ट्रैवल एजेंटों को मानवीय तस्करी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया है।
यह जानकारी देते डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने बुद्धवार को यहाँ बताया कि पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान अमरजीत सिंह, जो कि मोहाली स्थित वीज़ा पेलेस इमीग्रेशन का मालिक है और उसके साथी गुरजोध सिंह के तौर पर हुई है।
जानकारी अनुसार काबू किए ट्रैवल एजेंट भोले- भाले लोगों को डाटा एंट्री की नौकरियों का लालच दे कर पंजाब से कम्बोडिया भेजते थे। कम्बोडिया में मियाम रीप पहुँचने ’ और, उनके पासपोर्ट छीन लिए जाते है और फिर उनको साईबर सकैमिंग काल सैंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है जिससे साईबर फाईनांशियल फ्रॉड के लिए भारतीय लोगों को निशाना बनाया जा सके।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि कम्बोडिया स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में आने वाले पीडित की जानकारी के बाद स्टेट साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने एफआईआर दर्ज करके इस केस सम्बन्धित जांच शुरू कर दी है। इस सम्बन्धित आइपीसी की धारा 370, 406, 420 और 120- बीज और इमीग्रेशन एक्ट की धारा 24 के अंतर्गत स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि मुलजिमों ने कई व्यक्तियों को धोखे के साथ कम्बोडिया और अन्य दक्षिण- पूर्वी एशियाई देशों में भेजा है, जहाँ उनसे भारतीयों के साथ साईबर सकैमिंग वाले केन्द्रों में ज़बरदस्ती काम करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि साईबर ग़ुलामी में फंसे अन्य व्यक्तियों के विवरण प्राप्त किए जा रहे है और उन पीडितों और उनके परिवारों के साथ संपर्क कायम करने की कोशिश की जा रही है।
एडीजीपी साईबर क्राइम डिवीज़न वी. नीरजा ने अन्य विवरण सांझा करते बताया कि स्टेट साईबर क्राइम की पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर दीपक भाटिया के नेतृत्व में वीज़ा पेलेस इमीग्रेशन के दफ़्तर पर छापा मारा और दोनों मुलजिमों को गिरफ़्तार किया।
उन्होंने बताया कि मुलजिमों ने आगे खुलासा किया है कि वह अलग- अलग राज्यों के साथ सम्बन्धित अन्य एजेंटों की मिलीभुगत के साथ ग़ैर- कानूनी गतिविधियां कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे अन्य ट्रैवल एजेंटों और उनके साथियों की पहचान करने / काबू करने के लिए आगे वाली जांच की जा रही है।
ए.डी.जी.पी. ने नागरिकों को ऐसीं धोखाधड़ी वाली इमीग्रेशन गतिविधियों से सुचेत रहने और विदेशों,विशेषकर दक्षिण- पूर्वी एशियाई देशों में अच्छी नौकरियाँ देने के मौके प्रदान करने वाले ट्रैवल एजेंटों के झूठे वादों का शिकार न होने के लिए कहा। यह भी सलाह दी जाती है कि संभावी रोज़गारदाता के बारे में अच्छी तरह जांच की जाये, विशेषतौर पर जब ’ डाटा एंट्री आपरेटर’ नौकरी के नाम पर काम की पेशकश की जाती है। उन्होंने कहा कि किसी दबाव में कोई भी ग़ैर- कानूनी साईबर गतिविधियों न करने और भारतीय दूतावास तक पहुँच करे।
बता दे कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने रोज़गार के उद्देश्यों के लिए विदेश जाने के इच्छुक व्यक्तियों को ज़रूरी सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए एक सिंगल- विंडो सुविधा केंद्र के तौर पर ओवरसीज वर्करज़ रिसोर्स सैंटर ( ओडबल्यूआरसी) की स्थापना भी की है। ओ.डब्ल्यू.आर.सी. 24X7 हेल्पलाइन ( 1800113090) उपलब्ध है जिससे प्रवासियों और उनके परिवारों को एक टोल फ्री नंबर के द्वारा ज़रूरत आधारित जानकारी प्रदान की जा सके। यदि पंजाब राज्य का कोई अन्य व्यक्ति इस कथित घुटाले का शिकार हुआ है, तो वह व्यक्ति स्टेट साईबर क्राइम डिविज़न, पंजाब हेल्पलाइन नं. 0172- 2226258 पर संपर्क करके विदेश मंत्रालय, नयी दिल्ली के द्वारा ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकता है।