2015 में कपिल मिश्रा ने रोका था बिष्ट का विजय रथ
यह साफ है हर बार कपिल ने ही बिष्ट का चुनावी रथ रोका। वर्ष 2015 में कपिल मिश्रा उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उनकी मां अन्नापूर्णा मिश्रा भारतीय जनता पार्टी में थी और आम आदमी पार्टी ने कपिल को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया था। करावल नगर विधानसभा क्षेत्र के सोनिया विहार वार्ड से अन्नापूर्णा मिश्रा दो बार पार्षद रहीं।
कपिल मिश्रा मंत्री बने फिर भी छोड़ दी थी AAP
राजनीतिक लोगों का कहना है इसका लाभ उनके बेटे कपिल को चुनाव में मिला था। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता बिष्ट को शिकस्त देने पर पहली बार विधायक बनते ही आम आदमी पार्टी ने कपिल को मंत्री बना दिया था, लेकिन उनकी आम आदमी पार्टी के नेताओं से ठन गई और उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
करावल नगर सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला
इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में चले गए। वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में सीएए को लेकर हुए दंगे हुए। उस वक्त कपिल मिश्रा हिंदूवादी नेता के रूप में दिल्ली में उभरे।
पहले आम आदमी पार्टी में रहते कपिल ने बिष्ट का चुनावी रथ रोका और इस बार भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए। इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने मनोज त्यागी (Manoj Tyagi) और कांग्रेस ने डॉ. पीके मिश्रा को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। इस बार इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होगा।
अपने ही पार्षदों के साथ चल रही थी तकरार
करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के तीन पार्षद हैं। इसमें से दो पार्षद सभापुर से बृजेश सिंह व सोनिया विहार वार्ड से सोनी पांडेय से पिछले कुछ माह से विधायक मोहन सिंह बिष्ट की काफी तकरार चल रही थी। उनकी यह खींचतान सबके सामने जग जाहिर थी।
पार्षद व विधायक के जनता के बीच हुई नोकझोंक के कई वीडियो सामने आए। हालत ऐसे बन गए थे जिस जगह विधायक होते थे वहां पर पार्षदों की मौजूदगी देखने को नहीं मिलती थी। इस चुनाव में भी पार्षद अपने विधायक का खुलकर विरोध कर रहे थे।